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    IITB BHU छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में अहम गवाह से बचाव पक्ष की जिरह जारी, अगली तिथि नौ दिसंबर

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 06:20 PM (IST)

    आईआईटी-बीएचयू छात्रा सामूहिक दुष्कर्म मामले में, अहम गवाह से बचाव पक्ष की जिरह जारी है। अदालत ने अगली सुनवाई नौ दिसंबर को तय की है। यह मामला पिछले साल ...और पढ़ें

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    अदालत ने सुनवाई जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तिथि नौ दिसंबर निर्धारित की।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। आइआइटी बीएचयू की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शनिवार को फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में अभियोजन पक्ष के अहम गवाह और पीड़िता के मित्र से आरोपित आनंद चौहान के वकीलों श्रीनाथ त्रिपाठी, संजीव चौबे और कुंदन कुमार सिंह द्वारा जिरह की गई।

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    जिरह पूरी न होने के कारण अदालत ने इसे जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तिथि नौ दिसंबर निर्धारित की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मनोज कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे।

    इस मामले में अभियोजन पक्ष के अहम गवाह द्वारा पूर्व में दिए गए बयान के संबंध में आरोपित कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल के वकीलों की जिरह की कार्यवाही पहले ही पूरी हो चुकी है। अब तीसरे आरोपित आनंद चौहान की ओर से जिरह की प्रक्रिया जारी है।

    ज्ञात हो कि बीएचयू परिसर में दो नवंबर 2023 की रात को आइआइटी की छात्रा के साथ तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना के संबंध में पीड़िता ने लंका थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के समय पीड़िता का साथी मौके पर मौजूद था, जिसने इस मामले में महत्वपूर्ण गवाह की भूमिका निभाई। अभियोजन पक्ष के इस अहम गवाह का बयान 31 जुलाई को अदालत में दर्ज किया गया था।

    इस मामले की सुनवाई में तेजी लाने के लिए फास्टट्रैक कोर्ट का गठन किया गया है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और आरोपितों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। अदालत में चल रही जिरह की प्रक्रिया इस बात का संकेत है कि न्यायालय इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और सभी पक्षों को सुनने का अवसर प्रदान कर रहा है।

    अगली सुनवाई की तिथि नौ दिसंबर को निर्धारित की गई है, जब अदालत में फिर से सभी पक्षों की उपस्थिति अपेक्षित है। इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।