भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच वाराणसी में हुए महत्वपूर्ण समझाैते, 10 प्वाइंट्स में समझें- क्या कुछ मिला
वाराणसी में भारत और मॉरीशस के बीच विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस भारत का अभिन्न अंग है और नेबरहुड फर्स्ट नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। मारीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी। भारत मॉरीशस को आर्थिक पैकेज देगा जो बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारत और मॉरीशस के बीच आपसी विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौतों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के साथ ही आपसी एमओयू पर दोनों देशों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए है। दस प्रमुख बिंंदुओं में जानें इस समझाैते को-
- पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति और संस्कार, सदियों पहले भारत से मरीशस पहुंचे, और वहां की जीवन-धारा में रच-बस गए। काशी में मां गंगा के अविरल प्रवाह की तरह, भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है और आज, जब हम मारीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक आत्मिक मिलन है।
- भारत और मारीशस सिर्फ़ पार्टनर्स नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। मारीशस, भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और विजन ‘महासागर’ का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
- प्रधानमंत्री रामगुलाम जी और मारीशस के लोगों को चागोस समझौता संपन्न होने पर हार्दिक बधाई देता हूं। ये मारीशस की संप्रभुता की एक ऐतिहासिक जीत है। भारत ने हमेशा डीकोलोनाइजेशन और मारीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है। और इसमें भारत, मॉरीशस के साथ दृढ़ता से साथ खड़ा रहा है।
- मारीशस के विकास में एक विश्वसनीय और प्राथमिक साझेदार होना भारत के लिए गर्व की बात है। आज हमने मारीशस की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक स्पेशल इकोनामिक पैकेज पर निर्णय लिया है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करेगा, रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करेगा।
- पिछले साल मारीशस में यूपीआइ और रुपे कार्ड की शुरुआत हुई। अब हम लोकल करेंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे।
- भारत के आइआइटी मद्रास तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मारीशस के साथ समझौते संपन्न किए हैं। ये समझौते रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में आपसी साझेदारी को नई पायदान पर ले जाएंगे।
- भारत हमेशा से ही हिंद महासागर क्षेत्र में प्रथम प्रतिक्रियादाता और सुरक्षा प्रदाता के रूप में खड़ा रहा है। भारत और मारीशस दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे सपने और नियति एक हैं। भारत और मारीशस के बीच ऊर्जा, सुरक्षाा, स्वास्थ्य, व्यापार के कई मुद्दों पर समझौता।
- भारत और मारीशस के बीच स्पेशल इकोनामिक पैकेज पर निर्णय। भारत मारीशस को 100 इलेक्ट्रिक बसें देगा, 10 पहुंच चुकी हैं।
- भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र मारीशस में खुला। मारीशस में आयुष केंद्र अस्पताल और वेटरनरी स्कूल एंड एनिमल हॉस्पिटल खोलने में भारत देगा मदद।
- मारीशस में यूपीआइ और रुपे के बाद अब स्थानीय करेंसी में होगा द्विपक्षीय व्यापार।
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