पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर राजीव भवन में दुर्गा सप्तशती का हुआ पाठ
वाराणसी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर राजीव भवन में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वैदिक मंत्रों और पुष्पांजलि से इंदिरा जी को श्रद्धांजलि दी गई। नेताओं ने इंदिरा गांधी के देश के प्रति योगदान, बैंकों के राष्ट्रीयकरण और बांग्लादेश युद्ध में उनके नेतृत्व को याद किया।

राजीव भवन, मैदागिन में जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर बुधवार को राजीव भवन, मैदागिन में जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्णाहुति का आयोजन भी किया गया। पूरे परिसर में वैदिक मंत्रों की गूंज, दीप प्रज्वलन और सुगंधित धूप से एक आस्था और संकल्प का वातावरण बना रहा।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी, महानगर कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक और वार्ड स्तर के पदाधिकारी, वरिष्ठजन और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर इंदिरा गांधी के अद्वितीय योगदान को नमन किया।
जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल ने कहा कि इंदिरा गांधी वह शक्ति थीं जिन्होंने भारत को संकटों से निकालकर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ता, संकल्प, अनुशासन और अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने ऐसे समय में देश को नेतृत्व दिया, जब विश्व राजनीति उथल-पुथल से गुजर रही थी।
बैंक राष्ट्रीयकरण ने आर्थिक असमानता को चुनौती दी और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में उनके साहस और निर्णायक नेतृत्व ने इतिहास रच दिया। हरित क्रांति ने कृषि को मजबूत किया और किसानों को नई ताकत दी। गरीबी हटाओ जैसे संकल्प देश की बहुसंख्यक आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिए थे।
आज जब लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक संस्थाएँ दबाव में हैं, इंदिरा जी की विचारधारा—साहस, न्याय और जनता के प्रति निष्ठा—हम सभी कांग्रेसजनों को शक्ति देती है। हम कृतज्ञता से इंदिरा गांधी को नमन करते हैं।
महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे ने कहा कि इंदिरा गांधी का नेतृत्व वह पर्वत था, जिस पर कठिन परिस्थितियाँ भी असर नहीं डाल पाती थीं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अपनी एक मजबूत, आत्मविश्वासी और निर्णायक आवाज बनाई। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में उनके निर्णय को विश्व समुदाय आज भी सम्मानपूर्वक याद करता है।
उन्होंने अन्याय, आतंरिक चुनौतियों और बाहरी दबावों के आगे कभी झुकना नहीं सीखा। नारी शक्ति, राष्ट्रीय सुरक्षा, वंचितों के अधिकार, वैज्ञानिक प्रगति—हर क्षेत्र में इंदिरा गांधी ने ऐसी दिशा दी, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है। इस कार्यक्रम के अंत में कांग्रेस परिवार के मनीष मोरोलिया की माता जी के ब्रेन हेमरेज के कारण निधन पर मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने इंदिरा जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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