पतियों के प्रति आस्था फिर भी दुत्कार का दुर्भाग्य, अपना घर आश्रम में मिला आसरा
वाराणसी के अपना घर आश्रम में, पति द्वारा ठुकराई गई मानसिक रूप से कमजोर महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। डॉ. कुमार निरंजन ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर यह देखना दुखद है कि सरकार की योजनाओं के बावजूद, जरूरतमंद महिलाओं को आश्रय नहीं मिल पाता। पांच करोड़ की लागत से बना वृद्धाश्रम भी खाली पड़ा है, जबकि अपना घर आश्रम ऐसी महिलाओं को सहारा दे रहा है जिन्हें कहीं और जगह नहीं मिलती।

पति ने ठुकराया फिर भी उनकी सलामती के लिए अपना घर आश्रम की महिलाएं रखीं पूजन व्रत।
रवि पांडेय जागरण, वाराणसी। पति के ठुकराने के बाद सड़कों पर दर दर की ठोकरें खाने वाली महिलाओं के अंदर अपने पतियों के लिए आज भी पतिव्रता भाव जिन्दा है। अपना घर आश्रम मदरवां सामनेघाट में असहाय हाल में पड़ी कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिनकी मानसिक स्थित ठीक नहीं है और तमाम यातनाएं झेलने के बाद भी अपने पति की सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखकर शाम को पूजन करेंगी।
डा. कुमार निरंजन ने बताया कि 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। समाज में ऐसे भी पति हैं जिनकी संवेदना और आत्मा मर चुकी है लेकिन आश्रम में कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो मानसिक मंदित होने के बाद भी ऐसे पति के लिए व्रत हैं । डा. निरंजन ने कहा कि सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं लेकिन अव्यवस्था के कारण पात्र भी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
मानसिक मंदित महिलाओं तथा हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए सरकार की तरफ से वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है लेकिन तमाम नियम कानून बताकर उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया जाता हैं। ऐसे में निजी संस्था और सेवा भाव के कारण उन्हें यहां आश्रय दिया जाता है। अपना घर आश्रम में ऐसी 100 से ज्यादा महिलाओं को आश्रय मिला है जिन्हें लेकर पुलिस भी सभी जगह से लौट चुकी थी ।
वन स्टॉप सेंटर में भी नहीं भर्ती होती हैं मानसिक मंदित महिलाएं
मानसिक मंदित महिलाएं जिन्हें पुलिस के द्वारा कहीं से रेस्क्यू किया जाता है लेकिन उन्हें रखने की व्यवस्था सरकारी तंत्र के पास नहीं है। वन स्टॉप सेंटर में ऐसी महिलाओं को ले जाने पर वहां के स्टॉफ द्वारा कहा जाता है कि महिला के साथ पुलिस कर्मी की तैनाती भी करनी होगी ।अन्य वृद्धा आश्रम में मानसिक मंदित महिला को लेने से मना कर दिया जाता है।
जिन्हें पुलिस भी लेकर दर दर भटकने के बाद अपना घर आश्रम पहुंचकर डा. के निरंजन से भर्ती करने का अनुरोध करती है , जहां उन्हें मानवता के नाते शरण मिलती है।डा. निरंजन ने बताया कि अक्सर पुलिस विभाग के लोग ऐसी महिलाओं को लेकर आते हैं जिन्हें जिले भर में जगह नहीं मिलती है।
गुरुवार की रात सिगरा पुलिस भी मानसिक मंदित महिला को लेकर जगह जगह भटकने के बाद अपना घर आश्रम पहुंची जहां रात होने के कारण उन्हें सुबह बुलाया गया। तीन दिन पहले भी जंसा पुलिस एक महिला को लेकर वन स्टॉप सेंटर और वृद्धा आश्रम से निराश होकर अपना घर आश्रम पहुंची थी।
पांच करोड़ की लागत से बना वृद्धा आश्रम भी सफेद हाथी जैसा
दुर्गाकुंड स्थित वृद्धा आश्रम भी सिर्फ सफेद हाथी जैसा है यहां किसी भी महिला को भर्ती कराना आसान नहीं है। जबकि यहां पर पांच करोड़ की लागत से दादी पोता थीम पर 200 अशक्त महिलाओं के रहने के लिए भवन निर्माण का लोकार्पण 7 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसका निर्माण यूपीसीएल ने वर्ष 2017 में कराया था । सभी सुविधाओं युक्त भवन अव्यवस्था के कारण खाली पड़ा है। जबकि खुद सीडीओ और जिलाधिकारी ने यहां निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवस्था देखी थी।
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