weather update : सावन की फुहारों से भीगी सुबह, बादलों की कैद में आसमान, जानें वाराणसी में न्यूनतम तापमान
Varanasi weather Report पूर्वांचल में विगत कुछ दिनों से मौसम का रुख बदला हुआ है। बादलों की आवाजाही के साथ ही वातावरण में नमी का स्तर बढ़ने से बादल बूंदाबांदी भी करा रहे हैं। वाराणसी में गुरुवार को सुबह बूंदाबांदी के साथ तापमान में भी पर्याप्त गिरावट दर्ज की गई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। समय से पहले मानसून आने के बाद बादलों की भी नेमत पूर्वांचल में पर्याप्त हो रही है। बादलों की आवाजाही और बूंदाबांदी से तापमान में भी पर्याप्त कमी हो रही है। हालांकि धूप खिलने पर तापमान में भी इजाफा हो रहा है और उमस भी खूब हो रही है।
गुरुवार की सुबह ठंड में घुली हुई नजर आई, आसमान में बादलों की चादर तनी थी तो दूसरी ओर ठंंडी हवाओं से उमस का रुख भी नदारद रहा। दिन चढ़ने पर बादलों का घेरा सघन होता गया और धीरे सावन माह में मानसूनी फुहार ने दस्तक दी और शहर फुहारों के बीच सूखता भीगता नजर आया। बादलों की आवाजाही के बीच बारिश का रुख रहा और रह- रहकर बूंदाबांदी ने लोगों को राहत भी दी।
सुबह आफिस का समय होने से कुछ फुहारों का आनंद लेते तो कुछ बारिश से बचाव का जुगत करते हुए नजर आए। थोड़ी देर में बरसात थमी तो भी बादलों का घेरा नहीं टूटा। बादलों की सक्रियता के बीच तापमान में भी कमी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार मौसम का यही रुख आगामी सप्ताह भर बना रहेगा। वातावरण में नमी का स्तर बढ़ने के बाद बादल बूंदाबांदी भी कराएंगे। इसकी वजह से तापमान में भी कमी दर्ज की जाएगी।
मौसम का रुख बादलों की ओर
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 0.3 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.7 डिग्री कम रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 91 फीसद और न्यूनतम 90 फीसद दर्ज की गई। वहीं 53 मिमी तक बारिश भी इस दौरान दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों तक कोई खास चेतावनी नहीं जारी की है लेकिन तीन अगस्त के बाद पांच अगस्त तक के लिए गरज चमक के साथ बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
खेतों को मिल रही राहत
धान की अगेती और पिछेती दोनों ही प्रकार की फसलों को रह रहकर हो रही बरसात ने राहत दी है। इस बार फसल पीली पड़ने और खेतों में दरारें पड़ने की नौबत कम ही आई है। समय समय पर हो रही बरसात की वजह से खेतों धान की जड़ें जमने के बाद पौधे की पर्याप्त बढ़त भी हो रही है। कृषि विभाग के अनुमानों के अनुसार इस बार मानसूनी सक्रियता बनी रहने से किसानों को राहत रहेगी।
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