सुशीला कार्की के नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर सहमति, UP से है खास कनेक्शन
नेपाल में राजनीतिक घटनाक्रम ने महत्वपूर्ण मोड़ लिया है। राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल प्रधानमंत्री सुशीला कार्की और प्रधानसेनापति अशोक राज सिग्देल के बीच हुई बैठक के बाद संसद विघटन पर सहमति बनी। सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा। यह कदम देश को नई दिशा देने और राजनीतिक स्थिरता स्थापित करने में सहायक होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नेपाल में बदले हुए राजनीतिक घटनाक्रम में राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल, सुशीला कार्की के अलावा प्रधानसेनापति अशोक राज सिग्देल के बीच निर्णायक बैठक के बाद संसद विघटन पर सहमति बनी है।
अब समझौते के साथ ही सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। देश को इस कदम से नई दिशा मिलेगी और नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू से राजनीति शास्त्र की परास्नातक और नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सुशीला कार्की ने नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में अब जिम्मेदारी संभालने जा रही हैं। उन्होंने वर्ष 1975 में बीएचयू से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
वहीं उनकी नियुक्ति की जानकारी होने के बाद से विगत दो दिनों से बीएचयू परिसर में उनकी चर्चा भी खूब होती रही। वहीं उनके नेपाल का जिम्मा संभालने के बाद भारत से संबंधों को लेकर भी बीएचयू में इन दिनों चर्चा हो रही है।
शुक्रवार की शाम को उनके बतौर नेपाली प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किए जाने संबंधी जानकारी के बाद परिसर में खूब गहमागहमी शुरू हो गई। विभिन्न विभागों में जो उनको जानते थे वह भारत नेपाल संबंधों को लेकर चर्चा में व्यस्त नजर आए। उनके छात्र जीवन और नेपाल में उनके कार्य को लेकर भी परिसर में खूब चर्चा इन दिनों बनी हुई है।
जीवनसाथी भी मिला वाराणसी में ही
सुशीला कार्की के शैक्षिक ही नहीं, पारिवारिक जीवन में भी काशी का काफी गहराई से जुड़ाव रहा है। काशी में ही अध्ययन के दौरान उनकी भेंट दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई थी, जिनसे उन्होंने बाद में विवाह किया। कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी संतान हैं। वह विराटनगर के कार्की परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
नेपाल से स्नातक के बाद आईं वाराणसी
अब नेपाल की सत्ता संभालने जा रहीं सुशीला कार्की ने 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर, विराटनगर से कला स्नातक (बीए) की डिग्री पूरी की थी। इसके पश्चात वह काशी आ गई थीं और यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान से परास्नातक में प्रवेश लिया।
1975 में डिग्री पूरी करने के बाद वह वापस नेपाल लौट गईंं और फिर वहां नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि 1978 में प्राप्त की। इसके बाद से ही वह नेपाल में विविध पदों पर कार्यरत रहीं। बतौर महिला अधिकारी उनकी छवि नेपाल में काफी शानदार मानी जाती है। वह युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं, लिहाजा उनको अंतरिम जिम्मा संभालने में शायद ही दिक्कतों का सामना करना पड़े।
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