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    पूर्वांचल को मिलने जा रही है ग्रीनफील्ड फोरलेन, 2900 करोड़ का डीपीआर तैयार; जमीन अधिग्रहण शुरू

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 04:00 PM (IST)

    पूर्वांचल में गाजीपुर से सैयदराजा तक नई ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क बनेगी। 2900 करोड़ की इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया है। इस सड़क के बनने से रिंग रोड पर वाहनों का दबाव कम होगा और गोरखपुर से चंदौली जाना आसान हो जाएगा। चंदौली के चार गांवों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने की भी योजना है जिससे ग्रामीणों को लाभ होगा।

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    गाजीपुर-जमानिया-सैयदराजा ग्रीनफील्ड फोरलेन को 29 सौ करोड़ का डीपीआर तैयार।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल को शीघ्र ही एक और ग्रीनफील्ड सड़क मिलेगी। गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा तक नई ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क निर्माण को डीपीआर तैयार हो चुका है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।

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    स परियोजना से रिंग रोड और बनारस शहर में वाहनों का लोड कम किया जा सकेगा। गोरखपुर की तरफ से आने वाले वाहनों को रिंग रोड पर नहीं आना होगा। वह गाजीपुर से ही चंदौली पहुंच सकेंगे। लंबा फेरा नहीं लगाना होगा। गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा (चंदौली) तक वर्तमान सड़क सात मीटर चौड़ी है, अत्यधिक ट्रैफिक की वजह से सड़क पर जाम की समस्या गंभीर है।

    एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को 42 किलोमीटर लंबे नए ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण के लिए 2900 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत हुई है, इसमें 1684 करोड़ से सड़क बनेगी जबकि बाकी धनराशि जमीन खरीदने में खर्च की जाएगी। करीब 260 हेक्टेयर भूखंड खरीदनी होगी, 30 से अधिक गांवों के किसान प्रभावित होंगे।

    कहां कितनी जमीन खरीदेंगे

    • 152.22 हेक्टेयर चंदौली
    • 109.42 हेक्टेयर गाजीपुर

    ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे चंदौली के चार गांव

    वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के पहले चरण से चंदौली के चार गांवों को जोड़ने का टेंडर करने की तैयारी है। नई सर्विस रोड बनाई जाएगी। सर्वे शुरू करने के आदेश हुए हैं।

    चंदौली में दो नदियां चंद्रप्रभा और गरई के आसपास बसे चार गांव बहेरा, खुरहुजा, चनहाटा और सिकंदरपुर में काफी वक्त से ग्रामीण सर्विस लेन बनाने की मांग कर रहे हैं। वह प्रकरण को लेकर आंदोलित हैं। वह चाहते हैं कि उनका गांव सीधे तौर पर एक्सप्रेसवे से जुड़े क्योंकि यह सभी गांव वर्षों से बाढ़ से परेशान हैं।