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    डाक विभाग से खरीद सकेंगे बलिया का सत्तू, वाराणसी कैंट के प्रधान डाकघर से हुआ शुभारंभ

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 07:11 PM (IST)

    वाराणसी में पीएमजी कर्नल विनोद ने बताया क‍ि वाराणसी परिक्षेत्र के 100 डाकघरों में सुविधा का संचालन शुरू किया गया है। अब कहीं से भी डाक से बल‍िया का सत्‍तू लोगों को मिल सकेगा। इसके ल‍िए सबसे पहले वाराणसी के कैंट स्‍थ‍ित प्रधान डाकघर से इसका शुभारंभ क‍िया गया है।

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    अब डाक विभाग से आप भी खरीद सकेंगे बलिया का सत्तू।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : पीएमजी कर्नल विनोद कुमार ने वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर में मंगलवार को बलिया के सत्तू की बिक्री की शुरुआत की। बनारस परिक्षेत्र के अंतर्गत बलिया के सत्तू का विक्रय पहली बार किया जा रहा है। वाराणसी के डाकघरों में सत्तू का पैकेट 75 रुपये में आधा किलो खरीदा जा सकेगा।

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    20 अगस्त 1942 में चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया ने अपने को आजाद घोषित कर दिया था। इस तरह से सत्तू की पोस्ट आफिस में बिक्री एक एतिहासिक दिन के पास शुरू हुई है। कर्नल विनोद ने बताया कि बनारस और आसपास के क्षेत्रों में डाकघर के माध्यम से सत्तू की बिक्री करवाएंगे, जिससे एक और आम जनता को सही मूल्य पर बागी बलिया का प्रसिद्ध व्यंजन मिलेगा। वहीं, इस सेवा के द्वारा भारतीय डाक विभाग को बहुत अच्छा रेवेन्यू प्राप्त होगा।

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    बनारस के साथ यहां म‍िलेगी सुविधा

    प्रदेश में घर-घर सत्तू का प्रयोग होता है। यह पौष्टिक नाश्ते के रूप में खाया और खिलाया जाता है। बनारस के साथ चंदौली, मुगलसराय, जौनपुर, बलिया, नौगढ़ और गाजीपुर जैसे जिलों-स्थानों पर भी सत्तू बिक्री की व्यवस्था की गई है।

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    सत्तू के कई वर्जन मौजूद

    कर्नल विनोद ने बताया कि उनके पास सत्तू के कई वर्जन जैसे- गुलाब की खुशबू, केसर स्वाद वाला सत्तू और चाकलेट स्वाद का सत्तू आदि प्रयोगात्मक रूप में विचार में है। परंपरागत सत्तू भुने चने को पीस कर तैयार किया जाता है।

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    प्रधानमंत्री के स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन और ओडीओपी को दिया ध्यान

    कर्नल ने बताया कि प्रधानमंत्री के स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन और ओडीओपी को ध्यान में रखते हुए सत्तू की बिक्री के लिए वाराणसी परिक्षेत्र में 100 डाकघरों में ये सेवा शुरू की गई है और सफल होने पर इसका विस्तार उत्तर प्रदेश के सभी डाकघरों में किया जाएगा और यूपी में सफल होने पर देश के अन्य राज्यों में पूरे भारत में सत्तू बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।

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