शुभम जायसवाल को दाऊद के गुर्गों ने दुबई में दिलाई पनाह, चौंकाने वाले किरदार आए सामने
दुबई में शुभम जायसवाल को दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों द्वारा आश्रय देने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना में कई अप्रत्याशित व्यक्तियों की भूमिका सामन ...और पढ़ें

शुभम को समझ आ गया था कि आगे बढ़ने के लिए माफिया के इंटरनेशनल नेटवर्क की आवश्यकता होगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने कफ सीरप के काले धंधे के किंग शुभम जायसवाल को दुबई भागने और पनाह दिलाने में मदद की। शुभम ने कफ सीरप को कमाई का एक प्रमुख जरिया बनाया और उसे यह भलीभांति समझ में आ गया कि आगे बढ़ने के लिए माफिया के इंटरनेशनल नेटवर्क की आवश्यकता होगी।
कफ सीरप को देश के बाहर भेजने और तस्करी से अर्जित धन को संभालने के लिए उसे बाहुबली की मदद की आवश्यकता थी। इस काली कमाई के माध्यम से उसने उन तक पहुंच बनाई और दुबई में अपने लिए सुरक्षित ठिकाना तैयार कर लिया।
कफ सीरप मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद शुभम ने माफिया की सहायता से अपने परिवार और दो पार्टनरों गौरव जायसवाल और वरुण सिंह के साथ दुबई भागने का निर्णय लिया। वर्तमान में वह वहां सुरक्षित बैठा हुआ है। उल्लेखनीय है कि दो दशक पहले तक दाऊद इब्राहिम से जुड़े गुर्गों की पूर्वांचल में काफी धाक थी।
बड़े सरकारी ठेकों, रेशम की तस्करी, कोयला बाजार और रीयल एस्टेट पर इनका कब्जा था। दाऊद से जुड़े महाराष्ट्र के एक बड़े राजनेता के संपर्क में रहने वाला वाराणसी का एक बिल्डर उसके रीयल एस्टेट का काम संभालता था।
मुख्तार अंसारी का शूटर मुन्ना बजरंगी ठेके और रंगदारी के धंधे में सक्रिय था। कोयले के कारोबार पर भी इन लोगों की पकड़ मजबूत थी। मुन्ना बजरंगी गिरोह से जुड़े अमित टाटा ने एक बिल्डर के लिए गैर कानूनी काम किया।
इस पूरी टीम की दुबई, ओमान, सऊदी अरब जैसे देशों में अच्छी पकड़ थी। शुभम ने अमित टाटा को साधा और उसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय माफिया तक पहुंच बनाई। उसने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दुबई में निवेश करना शुरू कर दिया था।
इस प्रकार, शुभम जायसवाल ने कफ सीरप के काले धंधे के जरिए न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि माफिया के नेटवर्क में भी अपनी जगह बनाई। उसकी यह यात्रा न केवल उसके लिए, बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए एक चेतावनी है कि कैसे काले धंधे में लिप्त लोग अपने आप को बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि इस तरह के काले धंधों पर अंकुश लगाया जा सके। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि माफिया का नेटवर्क कितना व्यापक और प्रभावशाली है, और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि जांच के केंद्र में कई और किरदार ऐसे भी हैं जो जल्द ही सामने आने वाले हैं।

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