देश के पहला हाइड्रोजन जलयान को सोनोवाल कल काशी में दिखाएंगे हरी झंडी
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देश के पहला हाइड्रोजन जलयान को सोनोवाल कल काशी में दिखाएंगे हरी झंडी
- एक साल से चल रहा था परीक्षण, 50 यात्री कर सकेंगे यात्रा
- वाटर टैक्सी के रूप में चलेगा जलयान, किराया अभी तय नहीं
जागरण संवाददाता, रामनगर : देश का पहला हाइड्रोजन चलित जलयान गुरुवार को काशी में जनता के हवाले करने की तैयारी है। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल नमोघाट गुरुवार से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। अंतरदेशीय भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) इसे वाटर टैक्सी के रूप में अभी नमोघाट से रविदासघाट के मध्य चलाएगा। आगे चलकर इसे असि घाट और मार्केंडय धाम तक चलाया जाएगा।
मंत्रालय का दावा है कि यह जलयान देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान है। इसके संचालन से गंगा में इको-फ्रेंडली और प्रदूषण-मुक्त यात्रा की शुरुआत होगी। इसका सुबह 10 बजे से शाम आठ बजे तक नियमित परिचालन होगा। इसमें 50 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक इंजन के साथ पूरी तरह साउंड-लेस है। अभी किराया तय नहीं किया गया है। पूर्णतया स्वदेशी इस जलयान का निर्माण कोच्चि शिपयार्ड में हुआ है। इसकी लागत लगभग 10 करोड़ रुपये है और भविष्य में इसे कैथी स्थित मार्कंडेय धाम तक संचालित करने की योजना है। काशी में इसका संचालन शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड करेगा। बेंगलुरु की कंपनी हाइड्रोजन की आपूर्ति करेगी। हाइड्रोजन चलित जलयान के लिए नमो घाट और असि घाट पर दो हाइड्रोजन पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनका संचालन बेंगलुरु की कंपनी

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