Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीलंकाई दल सारनाथ बौद्ध मंदिर में विश्व शांति के लिए करेगा पूजा, कुशीनगर से दल आएगा वाराणसी

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Thu, 14 Oct 2021 04:42 PM (IST)

    दल के ठहरने के लिए बनारस में तीन होटल भी बुक किये गए हैं। वही पर्यटन से जुड़े लोग इस यात्रा को पर्यटन उधोग के लिए अच्छा मान रहे हैं। अब इसके बाद श्रीलंकाई पर्यटको का आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

    Hero Image
    दल के ठहरने के लिए बनारस में तीन होटल भी बुक किये गए हैं।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। कुशीनगर में आ रहा श्रीलंकाइयों का 115 सदस्यीय दल 20 अक्टूबर को भगवान बुद्ध की तपोभूमि सारनाथ के मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर एंव धमेख स्तूप के समझ विश्व शांति के लिए विशेष पूजा करेगा। इसके मद्देनजर बुद्ध विहार के बौद्ध भिक्षु तैयारी शुरू कर दिए हैं। उक्त दल के ठहरने के लिए बनारस में तीन होटल भी बुक किये गए हैं। वही पर्यटन से जुड़े लोग इस यात्रा को पर्यटन उधोग के लिए अच्छा मान रहे हैं। अब इसके बाद श्रीलंकाई पर्यटको का आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताया जाता है कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट का लोकार्पण 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस एयर पोर्ट पर पहली अंर्तराष्ट्रीय फ्लाइट श्रीलंका के कोलंबो से 115 बौद्ध भिक्षुओं का दल होगा। उक्त दल अपने साथ भगवान बुद्ध की अस्थि अवशेष को लेकर आ रहे हैं। जिसका महापरिनिर्वाण बुद्ध विहार में अस्थि अवशेष की विशेष पूजा की जाएगी।

    वहीं महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सयुक्त सचिव भिक्षु सुमित्ता नन्द ने बताया कि कुशीनगर में रहे श्रीलंकाई दल 20 अक्टूबर को सारनाथ पहुचकर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा व पुरातात्विक खंडहर परिसर में धमेख स्तूप के समक्ष बैठ कर विश्व शांति की पूजा करेंगे। उक्त दल को बनारस में ठहरने के लिए होटल भी बुक कराए गए हैं। लेकिन अभी कोई आधिकारिक सूचना नही मिली है। इस बाबत आधिकारिक सूचना मिलने पर बौद्ध मंदिर व मार्ग की साफ सफाई व पंचशील झंडे लगाए जाएगा।

    इससे पूर्व भी श्रीलंका के प्रधानमंत्री के परिजन भी सारनाथ में आकर विशेष पूजा अर्चना कर चुके हैं। इस बार भी आने वाले पर्यटकों में श्रीलंका के राजनीतिक परिवारों से संबद्ध लोग शामिल हैं। सारनाथ में आकर सभी पूजा अर्चना करने के साथ ही विभिन्‍न स्‍थलों पर भ्रमण कर काशी और सारनाथ के वैभव को भी निहारेंगे।