देव दीपावली पर गंगा में हो जाता है ट्रैफिक जाम, सुरक्षा की हो रही विशेष तैयारी
देव दीपावली पर गंगा नदी में नावों की भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की आशंका है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष तैयारी की है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस बल और जल पुलिस की तैनाती शामिल है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो सके।

नाविकों की नावों की जांच की जा रही है, उन्हें नावों को दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अभी गंगा में बाढ़ का पानी है और उसका बहाव भी तेज है। इसके चलते इस बार देव दीपावली में विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। पुलिस भी इसे ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी कर रही है। नाविकों की नावों की जांच की जा रही है, उन्हें नावों को दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया गया है।
पुलिस ने गंगा से लेकर घाटों तक जोन व सेक्टर में बांटा है। वाच टावर के साथ ही ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी के अनुसार देव दीपावली पर देश-दुनिया से लाखों लोग आएंगे। घाटों पर जलने वाले लाखों दीयों का अनुपम दृश्य देखने के लिए नावों की सवारी भी करेंगे।
उनकी सुरक्षा लिए विशेष तैयारी की जा रही है। नदी में सुरक्षा के लिए गंगा को 14 सेक्टर में बांटा गया है। इसमें सुरक्षा की जिम्मेदारी एनडीआरएफ, जल पुलिस व पीएसी की फ्लड यूनिट की रहेगी। सभी टीमें 50 नावों के साथ लगातार गंगा में गश्त करेंगी। इनके साथ वाटर एंबुलेंस भी तैनात रहेंगी।
बीते दिनों खराब मौसम की वजह से नौका दुर्घटनाग्रस्त होते बाल बाल बची थी। एनडीआरएफ की टीम ने सभी की जान बचाई थी। लिहाजा तेज हवा और बाढ़ का पानी होने की वजह से इस बार देव दीपावली पर गंगा में खतरा पूर्व के वर्षों की अपेक्षा कहीं अधिक है। जबकि इस बीच हुई झमाझम बरसात के बाद से गंगा का जलस्तर दोबारा बढ़ गया है। ऐसे में इस बार देव दीपावली पर खतरा कहीं अधिक बना हुआ है।
गंगा को फ्लोटिंग बैरिकेडिंग के दो लेन में बांटा जाएगा जिसमें एक लेन से नावें आएंगी और दूसरी से जाएंगी। क्रूज के लिए अलग लेन रहेगी। ड्रोन टीम एरियर सर्विलांस के रूप में इस्तेमाल करेंगे। 21 बैरियर प्वाइंट बनाया गया है। 28 वाच टावर लगाए जाएंगे। जो नावें गंगा में चलेंगी उनकी जांच की जा रही है।
नगर निगम, आरटीओ, जल पुलिस, एनडीआरएफ और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की टीम नावों की जांच कर रही है। जो नावें चलने की स्थिति में नहीं हैं उनको लाल रंग का निशान लगाया जा रहा है। नाविकों को मंगलवार तक अपनी नावों का इंजन दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है ताकि संचालन के समय किसी तरह की समस्या न आए। देव दीपावली पर इस बार गंगा में चप्पू वाली नावें नहीं चलेंगी।
सुरक्षा के लिए घाटों को दस जोन, 21 सेक्टर, 36 सब सेक्टर में बांटा गया है। सबसे अधिक भीड़ वाले घाटों को चिह्नित किया गया है। इनमें असि घाट, दशाश्वमेध, चेत सिंह घाट, नमो घाट, राजघाट हैं जिनकी सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। घाटों पर क्यूआरटी की 20 व एंटी रोमियो की 21 टीम तैनात रहेगी।
निगरानी करेंगे 2,576 कैमरे
देव दीपावली पर पुलिस ने हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था की है। गंगा घाटों और प्रमुख मार्गों पर पुलिस जल, थल और नभ से निगरानी करेगी। घाटों पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात रहेगा। बिना अनुमति निजी ड्रोन की उड़ान पूरी तरह प्रतिबंधित है। 2,576 कैमरे से शहर के हर हिस्से की निगरानी करेंगे।
काशी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में 24 घंटे पुलिसकर्मी निगरानी करेंगे। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या से ही गंगा स्नान करने और दीपोत्सव देखने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। उनकी सुरक्षा के लिए एआइ तकनीक आधारित सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। गोदौलिया और असि घाट पर ‘टीथर्ड ड्रोन’ की तैनाती की जाएगी। ये ड्रोन 400 मीटर की ऊंचाई से चार किलोमीटर के दायरे में 24 घंटे निगरानी कर सकेंगे।

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