पूर्वांचल में बेमौसम बारिश की वजह से धान की फसल को भारी नुकसान
पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश से किसानों को राहत और नुकसान दोनों हो रहा है। धान की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, कई जिलों में फसलें गिर गई हैं और भीग भी गई हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे कृषि विभाग से संपर्क करें।

लगातार हो रही बारिश ने किसानों के लिए राहत और दुश्वारी दोनों का कारण बनी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश ने किसानों के लिए राहत और दुश्वारी दोनों का कारण बनी है। इस मौसम का सबसे अधिक प्रभाव धान की फसल पर पड़ा है। कई जिलों में तेज हवाओं के चलते फसलें गिर गई हैं, जबकि कई स्थानों पर बोरों में रखी फसलें भीग चुकी हैं। इसके अलावा, श्री अन्न की पौध भी इस बेमौसम बारिश से प्रभावित हुई है।
अरब सागर में बने चक्रवाती अवदाब से उत्पन्न बादलों के कारण हो रही बारिश ने कटाई के लिए रखी गई धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मोंथा के प्रभाव से गुरुवार और शुक्रवार को भी बारिश की संभावना बनी हुई है। तेज पुरवाई के कारण धान की पकी फसलें खेतों में गिर गई हैं। इन फसलों के भीगने और डंठल नरम होने से उनमें फंफूदी लगने का खतरा बढ़ गया है।
कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के प्रभारी अधिकारी, प्रधान विज्ञानी डा. एनके सिंह ने बताया कि इस बेमौसम बारिश के कारण अब तक 10 से 15 प्रतिशत धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। यदि गुरुवार और शुक्रवार को तेज बारिश होती है, तो नुकसान का दायरा और बढ़ सकता है। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने कहा कि बेमौसम वर्षा से हुए धान के नुकसान की पूरी रिपोर्ट मौसम खुलने के बाद 72 घंटे के भीतर ली जाएगी। इसके बाद ही स्पष्ट आंकड़े सामने आ सकेंगे।
किसान इस समय चिंता में हैं, क्योंकि धान की फसल उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। बेमौसम बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो फसल का नुकसान और बढ़ सकता है।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की देखभाल करें और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए कृषि विभाग से संपर्क करें। इस प्रकार की स्थिति में सरकार को भी किसानों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए, ताकि वे इस कठिन समय में सहारा पा सकें।
पूर्वांचल में बेमौसम बारिश ने किसानों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, और सभी की निगाहें अब मौसम के सुधार पर टिकी हुई हैं। लेकिन अगले 24 घंटों तक मौसम का यही रुख बने रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जारी किया है।

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