सारनाथ के कालोनाइजर महेंद्र की हत्या मामले का मुंबई से जुड़ा कनेक्शन, 28 काल से मिला क्लू
वाराणसी के सारनाथ में कालोनाइजर महेंद्र यादव की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया। हत्या की साजिश मुंबई में रची गई। कालोनाइजर जोगेंद्र यादव ने कर्ज और जमीन विवाद के चलते हत्या करवाई। शूटरों को एडवांस रकम दी गई थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। तू डाल-डाल, मैं पात-पात...। इसी कहावत पर कालोनाइजर महेंद्र के हत्यारोपितों और पुलिस के बीच नूराकुश्ती चली और अंतत: सनसनीखेज मर्डर का राजफाश हो गया। 21 अगस्त को तीन शूटरों ने हेलमेट पहनकर बगैर नंबर की बाइक से वारदात को अंजाम दिया तो पुलिस के लिए उन तक पहुंचने के सीधे रास्ते बंद हो गए।
पुलिस ने सीसीटीवी की राह छोड़ सर्विलांस की राह पकड़ी तो वारदात से ठीक पहले हत्यारोपित संपूर्णानंद शुक्ला की 18 बार और मुंबई में बैठे जोगेंद्र यादव की संपूर्णानंद से 10 बार बात की तस्वीर सामने आ गई। इसके बाद 50 पुलिसकर्मी और दो डीसीपी समेत छह अधिकारी एक्शन मोड में आए तो सातवें दिन मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठ गया और खून बहाने वाले सलाखों के पीछे पहुंच गए।
यह भी पढ़ें : वाराणसी में नाबालिग मां को चंद घंटे में अस्पताल से लौटाने की जांच करेगी चार सदस्यीय टीम, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
मुंबई से मर्डर का फरमान और वाराणसी में चल गई गोली
कालोनाइजर जोगेंद्र यादव महेंद्र के मर्डर का मुकम्मल इंतजाम कर खुद मंबई चला गया ताकि उस पर किसी को शक न हो। इधर बनारस ने शूटर फौजी को रेकी के लिए भेजा तो संपूर्णानंद ने रेकी कराई। 21 अगस्त की सुबह संपूर्णानंद ने सुबह महेंद्र को फोन पर कहा कि जमीन देखने के लिए कुछ लोग आने वाले हैं, आ जाइए। महेंद्र को देर हो रही थी जिससे प्लान फेल न हो जाए, इसलिए वह अनवरत काल करता रहा। जोगेंद्र मुंबई से संपूर्णानंद को फोन पर निर्देश देता रहा।
यह भी पढ़ें : चंदौली के मुगलसराय में प्रेम प्रसंग में युवक चढ़ा टावर पर, पुलिस प्रशासन बचाव में जुटा, देखें वीडियो...
छह कार्यों में बाधा और आकंठ कर्ज बनी मौत की वजह
पुलिस को हत्यारोपित कालोनाइजर जोगेन्द्र यादव उर्फ फैटू ने जो कहानी बताई उसके मुताबिक छह कार्यों में बाधा और आकंठ कर्ज के बाद मौत की पटकथा लिखी गई। जोगेंद्र के मुताबिक सिंहपुर के अंजनीनाथ शुक्ला से 48 लाख रुपये देकर उनकी 4.5 बिस्वा जमीन की प्लाटिंग को एग्रीमेंट कराया जिसे महेंद्र ने एक करोड़ 22.50 लाख में बेचने का सट्टा कर लिया। महेन्द्र ने 26 लाख देकर बाकी पैसा दस दिन बाद देने को कहा, लेकिन बाद में रुपये और जमीन दोनों नहीं देने पर आमादा हो गया।
जोगेंद्र रुपये की आवश्यकता पर कर्ज लेकर कैलाशनाथ शुक्ला और उसके परिवार से नौ बिस्वा जमीन का एग्रीमेंट सात लाख देकर कराया। इसकी प्लाटिंग में भी महेंद्र ने रोड़ा अटकाया और अन्य प्लाटों पर बाउंड्री करा दी जिससे महेन्द्र के एग्रीमेंट वाले प्लाट का रास्ता बंद हो गया। रास्ता के लिए जोगेंद्र ने राजेश पटेल की एक बिस्वा जमीन 13 लाख एडवांस देकर एग्रीमेंट कराया। महेन्द्र ने उसको भी डरा-धमकाकर उस जमीन पर बाउंड्रीवाल कराने लगा। दो साल पहले घुरहूपुर में सात बिस्वा जमीन को घेरवाकर महेंद्र ने रास्ता बंद कर दिया था। इस कारण जोगेंद्र करीब एक करोड़ 75 लाख का कर्जदार हो गया और बात मर्डर तक पहुंच आई।
यह भी पढ़ें : मीरजापुर में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार, वाराणसी में वरुणा में पलट प्रवाह फिर शुरू
शूटर और असलहा सप्लायर ने ली थी एडवांस रकम
मुंगेर के मुकीम ने 50 हजार रुपये के असलहा के लिए 25 हजार एडवांस लिया था। शेष रकम लेने आया था, जब पुलिस के जाल में फंस गया। इसी तरह शूटर ने पांच लाख में 50 हजार रुपये एडवांस लिए थे, शेष रकम के लिए शूटर आगे भी वारदात कर सकते हैं।
पुलिस की टीम
पुलिस टीम में एसीपी सारनाथ विजय प्रताप सिंह, एसओजी और पुलिस टीम में उप निरीक्षक एवं एसओजी प्रभारी गौरव सिंह, उप निरीक्षक अभिषेक पांडेय, हेड कांस्टेबल चंद्रभान यादव, आलोक मौर्य, साइबर टेक्निकल विंग सारनाथ सौरभ तिवारी, थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी, वरिष्ठ उप निरीक्षक पंकज कुमार राय समेत आदि शामिल रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।