त्योहारी सीजन में वाराणसी के कपड़ा बाजार में रौनक, जीएसटी सुधार से कारोबारियों में खुशी
त्योहारी सीजन में वाराणसी के कपड़ा बाजार में रौनक लौट आई है। जीएसटी सुधार और अमेरिका से टैरिफ वार के बीच बाजार गुलजार है। नवरात्र में पारंपरिक कपड़ों की मांग बढ़ने से बाजार में चहल-पहल है। महिलाओं के परिधानों में फैंसी सिल्क शिफान और बांधनी साड़ियों की मांग है वहीं पुरुषों में कुर्ता पायजामा पसंद किए जा रहे हैं।

जागरण, संवाददादाता, भूमिका सिंंह (वाराणसी)। अमेरिका से टैरिफ वार को लेकर घमासान के बीच कपड़ा बाजार त्योहारों की आहट में झूम रहा है। दूसरी ओर जीएसटी रिफार्म की आहट से कपड़ों का बाजार गुलजार हो चुका है तो पारंपरिक कपड़ों की डिमांड नवरात्र में बढ़ने से बाजार में रौनक बिखरने लगी है।
वैसे कीमतों के लिहाज से 5 से 12 फीसद के टैक्स में कपड़े आते हैं। 1000 रुपये या उससे कम कीमत वाले कपड़ों पर पांच फीसद और इससे अधिक कीमत के कपड़ों पर 12 फीसद का जीएसटी लागू होता है। अब छूट और अमेरिका से टैरिफ वार के बीच बनारसी बाजार में राहत की आस के बीच कारोबारी रंग चटख हो चला है।
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त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही बाजारों में रौनक लौट आई है। कपड़ों की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्र के नजदीक आने के साथ-साथ बीते त्योहार जैसे रक्षाबंधन और तीज ने भी बाजार में चहल-पहल बढ़ाई है। इस समय महिलाओं के परिधानों में फैंसी सिल्क साड़ी, शिफान साड़ी और बांधनी साड़ी की खरीदारी की जा रही है। वहीं, सूट कलेक्शन की बात करें तो रोमन सिल्क, शिमर सिल्क सूट और शार्ट कुर्ती की मांग अधिक देखी जा रही है।
पुरुषों में कुर्ता पाजामे जैसे पारंपरिक कपड़ों और कार्गो पैंट की भी खरीदारी हो रही है। डांडिया और गरबा को ध्यान में रखते हुए बाजारों में लहंगा-चोली, कुर्ता पाजामे और मारवाड़ी दुपट्टे की बिक्री जोर-शोर से हो रही है। कपड़ा व्यापारी बताते हैं कि इस बार हल्के फैब्रिक जैसे कॉटन, जोर्जेट और सिल्क की डिमांड ज्यादा है। बच्चों में बाबा सूट, शरारा-गरारा जैसे कपड़ों की खरीदारी होती दिख रही है।
ग्राहकों का कहना है कि नवरात्र में विभिन्न रंगों के कपड़े पहनने का ट्रेंड रहा है। इसी वजह से ब्राइट रंगों की मांग अधिक हुई है। बीते त्योहार जैसे रक्षाबंधन में थ्री सेट सूट की खरीदारी हुई है, जिससे पारंपरिक कपड़ों की बिक्री में उछाल आया है। नवरात्र ने न केवल ग्राहकों की खरीदारी बढ़ाई, बल्कि दुकानदारों के चेहरे पर भी रौनक ला दी है।
इस त्योहारी मौसम में बाजारों में उत्सव का माहौल है। ग्राहक अपने पसंदीदा कपड़ों की खरीदारी में व्यस्त हैं और दुकानदार भी इस अवसर का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। नवरात्र के दौरान विशेष रूप से महिलाओं के लिए तैयार किए गए परिधानों की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे बाजार में हलचल बनी हुई है।
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कपड़ा व्यापारी बताते हैं कि इस बार ग्राहकों की पसंद में बदलाव आया है। हल्के और आरामदायक कपड़ों की मांग बढ़ी है, जिससे त्योहारों के दौरान पहनने के लिए उपयुक्त विकल्प मिल रहे हैं। इस प्रकार, नवरात्र का त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह व्यापारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस त्योहारी सीजन में बाजारों की रौनक और ग्राहकों की खुशी ने सभी को उत्साहित कर दिया है। पारंपरिक कपड़ों की बढ़ती डिमांड इस बात का संकेत है कि लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखना चाहते हैं।
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