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    वाराणसी में कफ सीरप माफिया पर कांग्रेस का हल्ला बोल, आरोपितों की गिरफ्तारी और कुर्की की मांग

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 04:58 PM (IST)

    वाराणसी में कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर नशीली कफ सीरप के अवैध कारोबार पर कार्रवाई की मांग की है। महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के क्षेत्र में नशे का कारोबार बढ़ रहा है और कफ सीरप माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। कांग्रेस ने कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी और आरोपियों की गिरफ्तारी और संपत्तियों की कुर्की की मांग की।

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    वाराणसी में नशीली कफ सीरप के अवैध कारोबार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर को एक पत्र सौंपा है, जिसमें वाराणसी में नशीली कफ सीरप के अवैध कारोबार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है।

    यह पत्र पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी कैंट को सौंपा गया। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में, जहां पुलिस कमिश्नरेट जैसी उच्च सुरक्षा व्यवस्था है, वहां इस प्रकार का अवैध कारोबार चलना शासन-प्रशासन की विफलता को दर्शाता है।

    राघवेंद्र चौबे ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हो रही है। प्रधानमंत्री के क्षेत्र में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जबकि डबल इंजन की सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस शहर में मुख्यमंत्री नियमित रूप से दौरा करते हैं, वहां कानून-व्यवस्था की यह स्थिति चिंताजनक है।

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    कफ सीरप माफिया पर कार्रवाई न होना यह संकेत करता है कि इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है। काशी की पवित्र भूमि की छवि को धूमिल किया जा रहा है, और कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।

    कांग्रेस ने पुलिस उपायुक्त को पत्रक सौंपते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। चौबे ने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेता इस पूरे नेटवर्क को संरक्षण दे रहे हैं, जबकि शासन-प्रशासन आंखें मूंदे हुए है। सच्चाई के बावजूद न तो मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, न ही अवैध संपत्तियों की कुर्की की गई है।

    कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की मांगें:
    1. मुख्य आरोपी और उनके संरक्षकों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
    2. इस नेटवर्क से जुड़ी सभी अवैध संपत्तियों का अधिग्रहण/कुर्की किया जाए।
    3. भाजपा नेताओं से जुड़े नामों की निष्पक्ष जांच की जाए।
    4. कफ सीरप माफिया के गोदामों और सप्लाई चेन पर विशेष पुलिस टीम द्वारा छापेमारी की जाए।
    5. इसे एक "राज्यव्यापी स्वास्थ्य खतरा" मानते हुए बड़ी जांच एजेंसी को जांच सौंपने की मांग की गई है।
    6. पूरे प्रकरण की पारदर्शिता के लिए सार्वजनिक रिपोर्ट जारी की जाए।
    7. काशी को नशे के जाल से बचाने के लिए नारकोटिक्स यूनिट को सक्रिय किया जाए।

    प्रतिनिधिमंडल में राघवेंद्र चौबे के अलावा फ़साहत हुसैन बाबू, अशोक सिंह, लोकेश सिंह, अब्दुल हामिद डोड़े, आनंद कुमार सिंह, जियाउल अख्तर, किशन यादव, शहनवाज उस्मानी और रोहित दुबे जैसे नेता शामिल थे। इस प्रकार, वाराणसी में कफ सीरप के अवैध व्यापार के खिलाफ कांग्रेस की यह पहल शासन-प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है और जनता की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग करती है।