राजातालाब तहसील में आत्मदाह करने वाले बुजुर्ग ने अस्पताल में तोड़ा दम, गांव में पसरा मातम
वाराणसी के राजातालाब तहसील में भूमि विवाद से परेशान होकर एक बुजुर्ग वशिष्ठ नारायण गोंड ने आत्मदाह कर लिया। बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बुजुर्ग ने ग्रामसभा की जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप और बेदखली के आदेश से क्षुब्ध होकर यह कदम उठाया।

जागरण संवाददाता (मिर्जामुराद) वाराणसी। ग्रामसभा की भूमि से बेदखली का आदेश एवं भूमि आवंटन की मांग को अनदेखी करने से क्षुब्ध होकर राजातालाब तहसील परिसर में शुक्रवार की दोपहर शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने वाले बुजुर्ग वशिष्ठ नारायण गोंड (बाबा) की देर रात दो बजे उपचार के दौरान बीएचयू अस्पताल में जीवन की अंतिम सांसें लेते हुए दम तोड़ दिया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिवपुर स्थित मोर्चरी हाउस पर शव का पोस्टमार्टम कराया। बुजुर्ग के मौत की खबर लगते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। मृतक को तीन पुत्र व दो पुत्रियां हैं। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में मिर्जामुराद व कपसेठी पुलिस तैनात रही। मिर्जामुराद थानांतर्गत जोगापुर गांव निवासी स्व. रामअधार के दो पुत्रों में छोटे पुत्र रहे वशिष्ठ नारायण गोंड गांव के सचिवालय व जलजीवन मिशन के तहत बनी पेयजल टंकी के सामने ग्रामसभा की तीन बिस्वा नवीन परती भूमि पर दो मड़ई लगाकर एक मड़ई में गुमटी रखकर टाफी-बिस्किट व नमकीन की दुकान संचालित करने के साथ ही दूसरी मड़ई में लकड़ी का तख्त व कूलर लगाकर निवास करते रहे।
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मड़ई के निकट ही सीमेंटेट शेड लगाकर परिवार रहता हैं। सीमेंटेड शेड के बगल में खेल के मैदान हेतु छोड़ी गई भूमि पर एक झोपड़ी लगने के साथ ही मवेशी बांधे जाते हैं। वर्ष 2012 से सचिवालय के पास मड़ई लगाने का विवाद चल रहा था। लेखपाल द्वारा 122 बी का मुकदमा भी कराया गया था। बीते जून माह में राजातालाब तहसील से वशिष्ठ के खिलाफ बेदखली का आदेश और चार लाख 32 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। राजातालाब न्यायालय द्वारा जारी आदेश के खिलाफ वशिष्ठ ने अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के यहां गुहार लगाई थी किन्तु इनका आवेदन खारिज हो गया था। इससे क्षुब्ध होकर शुक्रवार की दोपहर वशिष्ठ नारायण (बाबा) राजातालाब तहसील में पहुंचे।
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परिसर में स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद कमंडल में रखा पेट्रोल शरीर पर छिड़ककर शरीर मे आग लगा लिया था। वशिष्ठ मड़ई से कुछ दूरी पर स्थित शिवमंदिर में सुबह-शाम पूजा-पाठ करते रहे। पति की मौत से पत्नी गीता रोते-रोते बेसुध हो गयी थी। विवाहित पुत्रियां सुषमा व बबिता विलख रही थी। तीनों पुत्र बाहर रहते हैं। भोपाल में रह रहा छोटा पुत्र अनिल शनिवार की दोपहर पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचा। ग्रामप्रधान चन्द्रभूषण के अनुसार वशिष्ठ ग्राम सभा की करीब ढाई बीघा भूमि पर कब्जा किए हुए थे। पूर्व प्रधान अरविंद पटेल ने बताया कि वर्ष 2012 में वशिष्ठ नारायण को इंदिरा आवास मिला था। पुस्तैनी घर के पास आवास बना था।
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मड़ई में जुटे ग्रामीण व रिश्तेदार, होती रही चर्चा
बुजुर्ग मौत की खबर लगते ही मड़ई में स्थित दुकान पर ग्रामीणों व रिश्तेदारों की भीड़ जुट गयी थी।हर लोगो की जुबान पर बस एक ही चर्चा रही कि ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा करने के बाबत केवल वशिष्ठ पर ही क्यों मुकदमा दर्ज कराया गया, जबकि गांव में कई लोग ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा किए हुए हैं। स्वजनों ने ग्रामप्रधान पर नाराजगी जताई हैं।
स्वजनों ने चक्काजाम का किया प्रयास
वशिष्ठ के शव को पोस्टमार्टम के बाद शिवपुर मोर्चरी हाउस से प्रशासन द्वारा जोगापुर गांव में न ले जाकर सीधे घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार करने की सलाह दी गयी। इस बात की जानकारी होने पर घर पर जुटे रिश्तेदारों व स्वजनों ने आक्रोश व्याप्त हो गया। दोनों विवाहित पुत्रियां महिलाओं संग लालपुर चट्टी पर पहुंच हाईवे पर चक्का जाम का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने महिलाओं को समझा-बुझाकर घर भेजा। स्वजनों को बताया गया कि थोड़ी देर में शव घर पहुंचेगा।
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