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    कैंट डाकघर गबन मामले में वांछित चल रहे डाक सहायक को वाराणसी पुलिस ने पकड़ा

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Thu, 05 Nov 2020 04:41 PM (IST)

    डाक सहायक विनय यादव को कैंट पुलिस ने बुधवार की शाम को उसके मिर्जामुराद स्थित आवास के पास से गिरफ्तार कर लिया। पिछले साल हुए कैंट प्रधान डाकघर में 7 करोड़ से अधिक के गबन में नामजद अभियुक्त डाक सहायक विनय यादव पिछले साल से ही वांछित चल रहा था।

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    डाक सहायक विनय यादव को कैंट पुलिस ने मिर्जामुराद स्थित आवास के पास से गिरफ्तार कर लिया।

    वाराणसी, जेएनएन। प्रधान डाकघर कैंट में अगस्त 2019 में सात करोड़ से अधिक के गबन का मामला सामने आया था। इस संबंध में पश्चिम उपमंडल के सहायक अधीक्षक अजय कुमार ने कैंट थाना में पांच सितंबर 2019 को पांच लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में वांछित डाक सहायक विनय यादव को कैंट पुलिस ने बुधवार की शाम को उसके मिर्जामुराद स्थित आवास के पास से गिरफ्तार कर लिया।

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    कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह के अनुसार पिछले साल हुए कैंट प्रधान डाकघर में 7 करोड़ से अधिक के गबन में नामजद अभियुक्त डाक सहायक विनय यादव पिछले साल से ही वांछित चल रहा था। इस संबंध में न्यायालय से 82 सीआरपीसी की नोटिस जारी हुई थी। पुलिस टीम आरोपित के घर उक्त कार्रवाई से संबंधित नोटिस चस्पा करने गयी थी। उसी दौरान वांछित डाक सहायक विनय यादव को घर के समीप से पकड़ लिया गया।

    प्रधान डाकघर कैंट पश्चिम उपमंडल के सहायक अधीक्षक अजय कुमार ने कैंट थाना में पांच सितंबर 2019 को निवेशकों के रुपयों का गबन किये जाने को लेकर पांच लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। नामजद आरोपित में मिर्जामुराद थानाक्षेत्र के निवासी आरोपित डाक सहायक विनय  कुमार यादव का नाम भी शामिल था। आरोप है कि इन आरोपितों ने आपस में मिली भगत करके जमाकर्ताओं के एसबी, आरडी, टीडी, पीपीएफ वह एमआइएस आदि खातों में जमा लगभग छह करोड़ रुपयों का गबन किये हैं।अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने दो फरवरी 2020 को इस घोटाला की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को सौंप दी थी ।

    आरोपित को गिरफ्तार करने में इंस्पेक्टर कैंट राकेश सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम में दरोगा अजय शुक्ला, क्राइम टीम के कांस्टेबल रामानन्द यादव, सुनील पांडेय आदि मौजूद रहे।