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    वाराणसी में फौज की तैयारी कर रहे तीन साइकिल सवार युवकों को डंपर ने रौंदा, एक की मौत, दो घायल

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 12:37 PM (IST)

    वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर चौबेपुर के पास एक दर्दनाक हादसे में तेज रफ्तार डंपर ने साइकिल सवार तीन युवकों को रौंद दिया जिसमें अनुराग यादव की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे और डंपर चालक की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क जाम कर दिया।

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    मौत के बाद लोगों को प्रशासन ने समझा-बुझाकर जाम खुलवाया और पुलिस जांच में जुट गई है।

    जागरण संवाददाता, (चौबेपुर) वाराणसी। वाराणसी–गाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार सुबह एक भयानक हादसा हुआ, जब तेज रफ्तार अज्ञात डंपर ने साइकिल सवार तीन युवकों को रौंद दिया। यह घटना बहादुरपुर के पास हुई, जिसमें रामपुर चंद्रावती निवासी अनुराग यादव (18) पुत्र साधु यादव की मौके पर ही मौत हो गई।

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    उसके दो साथी, अंकित और आकाश, गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों युवक रोजाना की तरह सुबह करीब पांच बजे चौबेपुर ग्राउंड में आर्मी भर्ती की तैयारी के लिए साइकिल से जा रहे थे।

    घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से नरपतपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। अंकित का पैर टूट गया है। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। मृतक अनुराग, साधु यादव का सबसे छोटा बेटा था। उसके पिता पिकअप चलाते हैं, जबकि बड़ा भाई अनुभव दिल्ली में नौकरी करता है। मां सविता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।

    इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बहादुरपुर में शव रखकर वाराणसी–गाजीपुर मार्ग को करीब चार घंटे तक जाम कर दिया। जाम के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुआवजे और डंपर चालक की गिरफ्तारी की मांग की।

    सूचना मिलने पर एसडीएम सदर, एसीपी सारनाथ विदुश सक्सेना, थाना प्रभारी चौबेपुर अजीत कुमार वर्मा और थाना प्रभारी सारनाथ विवेक त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

    एसडीएम सदर ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया, जिसके बाद जाम समाप्त हुआ। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और अज्ञात डंपर की तलाश में जुट गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन और उग्र करेंगे।

    एक अन्य घटना में, जब पुलिस ने युवकों को जबरन खदेड़ने का प्रयास किया, तो गुस्साए युवकों ने फिर से सड़क जाम कर दिया। दरोगा और पुलिस कर्मियों के प्रयासों के बावजूद, युवकों ने फोन कर गांव वालों को बुलाया और जाम कर दिया। यह स्थिति दर्शाती है कि ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।

    इस प्रकार की घटनाएं न केवल स्थानीय समुदाय को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं। प्रशासन को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।