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    बाबूजी धीरे चलना, बनारस में जरा संभलना, बड़े गड्ढे हैं भिखारीपुर-अखरी मार्ग में...

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 11:49 AM (IST)

    वाराणसी के भिखारीपुर-अखरी मार्ग की हालत खस्ता है। तीन किलोमीटर के इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं जिससे दुर्घटनाएँ हो रही हैं। प्रयागराज मीरजापुर और सोनभद्र से आने वाले लोग इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। सड़क पर जल निकासी की व्यवस्था न होने और बिजली विभाग के कार्यों के कारण सड़क जर्जर हो गई है।

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    स्थानीय लोगों को अक्टूबर तक इस मार्ग पर कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

    जागरण संवाददाता, (रव‍ि पांडेय) वाराणसी। वाराणसी में प्रवेश के प्रमुख मार्गों में से एक भिखारीपुर-अखरी की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। इस तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर गड्ढों की भरमार है, जो इतने बड़े हैं कि यदि कोई वाहन चालक थोड़ी सी भी असावधानी बरते, तो उसे अस्पताल पहुंचना तय है।

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    प्रतिदिन दो-चार बाइक और साइकिल सवार इस खराब सड़क के कारण गिरकर चोटिल हो रहे हैं। भिखारीपुर-अखरी मार्ग अन्य जिलों को शहर से जोड़ता है, जिसमें प्रयागराज, मीरजापुर और सोनभद्र से आने वाले लोग शामिल हैं।

    बनारस पीएम का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां काफी व‍िकास हुआ। हालांक‍ि लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया अखरी से भिखारीपुर मार्ग जहां व‍िकास मानो अभी भी बाट जोह रहा हो।

    यहां पर 15 महीने बाद भी रिपेयर नहीं होने के कारण जलजमाव से सड़क जर्जर हो चुकी है। ठेकेदार से बॉन्ड बनने के बाद भी नहीं हुआ काम जबकि बिजली विभाग ने दोगुना तक भुगतान क‍िया है।

    इस व्यस्ततम मार्ग पर सैकड़ों दुकानें, रेस्टोरेंट, शोरूम, मैरेज लान, अस्पताल, स्कूल, बैंक और पेट्रोल पंप स्थित हैं। जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण सड़क जर्जर हो गई है और गड्ढे बन गए हैं। प्रधानमंत्री के आगमन के समय गिट्टी डालकर मरम्मत की गई थी, लेकिन बारिश ने उसे धो डाला।

    पिछले वर्ष जुलाई में बिजली का केबल डालने के बाद सड़क का निर्माण नहीं किया गया। खोदे गए गड्ढों को बालू और गिट्टी से भरने के बाद भी सड़क बनाने के लिए बिजली विभाग की तरफ से दोगुना भुगतान किया जा चुका है।

    चार साल पहले बनी सड़क के किनारे जलनिकासी की नाली और फुटपाथ की स्थिति की जांच विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर की थी। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित जेई के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। इस मार्ग पर सवा करोड़ की लागत से लगाई गई आधी से अधिक स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो चुकी हैं। पूरे मार्ग पर दोनों तरफ अतिक्रमण की स्थिति बनी रहती है, जहां ठेले-खुमचे वाले हमेशा जमे रहते हैं।

    पीडब्ल्यूडी के एक्सइएन आशुतोष सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह के बाद सड़क का निर्माण करवाया जाएगा। हालांकि, इस समय तक नागरिकों को इस खस्ताहाल सड़क पर चलने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

    स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए यह मार्ग न केवल शहर में प्रवेश का एक प्रमुख साधन है, बल्कि उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मार्ग की स्थिति को सुधारने के लिए शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।