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    विकसित भारत 2047 : सहयोग और सहभागिता के लिए बीएचयू और CII ने किये सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 07:53 PM (IST)

    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोग का उद्देश्य भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मिलकर काम करना और सहभागिता को बढ़ावा देना है।

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    जागरण संवाददाता, वाराणसी। विकसित भारत 2047 के रोडमैप को तैयार करने के लिए नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने वाले काशी संवाद 2025 की भावना के अनुरूप, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सहयोग और सहभागिता को और आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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    दोनों संस्थानों ने शनिवार को देश की समृद्धि के लिए मिलकर काम करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुसंधान केंद्र में आयोजित काशी संवाद 2025 के दूसरे दिन कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी और सुनील मिश्रा, प्रधान सलाहकार, CII, तथा CEO, CII फाउंडेशन ने इस समझौते का आदान-प्रदान किया।

    यह MoU दोनों संगठनों के बीच नियमित संवाद और संयुक्त गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे शिक्षा और उद्योग के बीच साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक बदलाव के ठोस परिणाम सामने आएंगे। यह समझौता शैक्षणिक अनुसंधान को उद्योग की आवश्यकताओं और अंतर्दृष्टियों के साथ जोड़ने, सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक चुनौतियों के समाधान विकसित करने और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    समझौते के तहत दोनों संस्थान पारस्परिक संवाद बनाए रखेंगे और संयुक्त कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ और परियोजनाएँ आयोजित करेंगे, जिससे बीएचयू के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप और मार्गदर्शन (मेंटॉरशिप) के अवसर मिलेंगे और उनका शैक्षणिक एवं पेशेवर विकास होगा।

    बीएचयू और CII के बीच स्थापित हो रही इस साझेदारी की सराहना करते हुए प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि यह पहल बीएचयू के विद्यार्थियों में उद्यमशील क्षमताओं को और भी विकसित करेगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से पहले ही विद्यार्थियों को आवश्यक उद्यमिता कौशल से लैस कर रहा है।

    उन्होंने कहा, “हमारे विद्यार्थियों को उनकी क्षमता और उनके पाठ्यक्रम को उद्योग से जुड़ने की बहुत इच्छा और आवश्यकता है, और उद्योग को भी यह जानने की जरूरत है कि हम क्या पढ़ा रहे हैं।” यह MoU उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएचयू की शैक्षणिक और संस्थागत उत्कृष्टता की सराहना करते हुए सुनील मिश्रा ने इस MoU के हस्ताक्षर को ऐसे दो प्रमुख संस्थानों के बीच एक उल्लेखनीय पहल बताया, जो लगभग एक ही समय के आसपास स्थापित हुए थे।

    शनिवार को दो दिवसीय काशी संवाद 2025 का समापन भी हुआ। समापन समारोह में अपने संबोधन के दौरान CII राष्ट्रीय CSR समिति के अध्यक्ष बी. त्यागराजन ने कहा कि घोषणा की कि हर वर्ष इस प्रकार के संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ साथ वर्ष भर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा।

    समापन समारोह के दौरान कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि वास्तव में ग्रामीण भारत के लोगों से कनेक्ट करने के लिए तथा जमीन स्तर के मुद्दों पर संवाद करने के लिए हमें मेट्रो शहरों से बाहर निकलना पड़ेगा। काशी संवाद के ज्ञान साझेदार डेलॉएट का प्रतिनिधित्व कर रहीं स्वाती अग्रवाल ने विभिन्न सत्रों में आयोजित सत्रों के निष्कर्ष के आधार पर काशी घोषणा पत्र का पहला संस्करण पेश किया। उन्होंने घोषणापत्र के प्रमुख बिन्दुओं को रेखांकित किया जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, सतत विकास, अपशिष्ट प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, सामाजिक परिवर्तन, ग्रामीण नवाचार और जमीनी स्तर पर हुए नवाचार के विषय शामिल हैं।