Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    दीपावली की आतिशबाजी ने खराब की अल्‍मोड़ा की हवा, 134 पहुंचा एक्यूआई

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 06:36 PM (IST)

    दीपावली पर अल्मोड़ा में आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 तक पहुंच गया है, जो सांस के रोगियों के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में प्रदूषकों का बढ़ना चिंताजनक है। दीपावली पर जिले में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के पटाखे बिके, जिससे प्रदूषण में वृद्धि हुई।

    Hero Image

    आतिशबाजी ने पर्व की खुशियों के साथ हवा में जहर घोल दिया। Concept Photo

    संस, जागरण, अल्मोड़ा । दीपावली पर हुई आतिशबाजी ने पर्व की खुशियों के साथ हवा में जहर घोल दिया। मंगलवार देर रात तक चली आतिशबाजी का असर वायु गुणवत्ता पर साफ दिखा। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, अल्मोड़ा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो अस्थमा और सांस के रोगियों के लिए हानिकारक स्तर माना जाता है। इस स्तर पर सांस लेने में घुटन, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमालयी क्षेत्रों में असामान्य रूप से बढ़ रहे प्रदूषक

    विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य परिस्थितियों में इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों से उठे प्रदूषक पहाड़ों तक पहुंचते-पहुंचते कमजोर पड़ जाते हैं। मगर इस बार स्थिति असाधारण है। स्थिर मौसम और प्रदूषकों की लंबी दूरी तक पहुंच के कारण हिमालयी वायुमंडल की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ा है।

    नासा के उपग्रह आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में 70 से 80 प्रतिशत तक कमी आई है। इसके बावजूद वैज्ञानिकों का मानना है कि सेकेंडरी एरोसोल निर्माण, साथ ही वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन ने प्रदूषण के स्तर को और गंभीर बना दिया है।

    वायु गुणवत्ता श्रेणियां - वायु गुणवत्ता सूचकांक स्तर का प्रभाव

    • 0-50 - सुरक्षित
    • 51-100 -हल्की परेशानी संभव
    • 101-200 -अस्थमा और सांस की परेशानी
    • 201-300 -स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर
    • 301-400 -बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए हानिकारक
    • 401-500 -फेफड़ों और हृदय रोगों का खतरा

     

    पिछले दिनों का एक्यूआई स्तर

    • दिन -स्तर
    • रविवार -62
    • सोमवार -88
    • मंगलवार -34 (रात)
    • बुधवार -129 (सुबह)

    (स्रोत- आक्यू एयर)

    डेढ़ करोड़ रुपये के पटाखे बने सेहत के लिए जानलेवा

    अल्मोड़ा जिले में दीपावली में डेढ़ करोड़ रुपये से भी अधिक के पटाखे बिके हैं। हालांकि इस खुशी के बीच एक अनदेखा खतरा भी उभर रहा है। त्योहार में मुख्य रूप से आतिशबाजी के कारण आसपास की वायु में धुआं और प्रकाश उत्सर्जन बढ़ गया है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक होते जा रहा है।

    दीपावली के अवसर पर आतिशबाजी का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर होता है। अस्थमा, टीबी और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हमें प्रयास करना चाहिए कि पटाखों का न्यूनतम प्रयोग हो, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रह सके।
    - रमेश रावत, प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान व पर्यावरणविद्