ISI के लिए जासूसी करते पकड़ा गया उत्तराखंड का युवक, खुफिया विभाग में हड़कंप
उत्तराखंड के अल्मोड़ा का महेंद्र प्रसाद नामक युवक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करते हुए पकड़ा गया। खुफिया विभाग सतर्क हो गया है और मामले की जांच में जुट गया है। आरोपी जो डीआरडीओ गेस्ट हाउस में काम कर रहा था भारतीय सेना और डीआरडीओ की संवेदनशील जानकारियां लीक कर रहा था। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि महेंद्र के संपर्क में और कौन लोग थे।

जासं, अल्मोड़ा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करते पकड़ा गया महेंद्र प्रसाद अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना ब्लाक के प्लयू गांव का रहने वाला है। जानकारी मिलते ही खुफिया विभाग सतर्क हो गया है। वह भी मामले की पूरी जांच में जुट गया है। घटना के बाद गांव में खामोशी छा गई है। गांव के लोग उससे किसी प्रकार का अपना संबंध नहीं बता रहे हैं।
मामले की जानकारी जैसे की उसके गांव प्लयू में पहुंची तो वहां के लोग यह जानकर हैरान दिखे। ग्रामीणों ने बताय कि महेंद्र कई साल पहले नौकरी के सिलसिले में राजस्थान चला गया था और गांव आना-जाना कम कर दिया था।
स्थानीय व राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर
करीब ढाई-तीन साल पहले वह अपने पिता चंदन राम और भाई को दिल्ली में नौकरी दिलाकर स्वयं राजस्थान में रहने लगा था। उसका चाचा दीवान राम गांव में ही रहता है, लेकिन उससे कोई संपर्क नहीं है। घटना के बाद स्थानीय व राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं और यह पता लगाने में जुटी हैं कि महेंद्र के संपर्क में और कौन-कौन लोग थे। यह गिरफ्तारी देश की सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी चेतावनी मानी जा रही है।
बीते दिनों जैसलमेर पुलिस और सीआईडी ने चंदन फील्ड फायरिंग रेंज स्थित डीआरडीओ गेस्ट हाउस में बतौर मैनेजर पद पर काम कर रहे महेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया।
आरोप है कि महेंद्र इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सीधे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में था और लंबे समय से भारतीय सेना व डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां लीक कर रहा था। जांच में सामने आया कि वह चंदन फील्ड फायरिंग रेंज में होने वाले मिसाइल और हथियार परीक्षणों की सूचनाएं भी भेज रहा था। यह रेंज सामरिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है।
मेरे पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जिस प्रकार निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
- देवेंद्र पींचा, एसएसपी, अल्मोड़ा
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