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    एसिड अटैक व हत्या के आरोपित को आजीवन कारावास

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Aug 2022 04:08 PM (IST)

    एसिड अटैक व हत्या के आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है।

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    एसिड अटैक व हत्या के आरोपित को आजीवन कारावास

    एसिड अटैक व हत्या के आरोपित को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में एसिड अटैक व हत्या के मामले में एक आरोपित को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित पर एक लाख से अधिक का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड ना देने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं न्यायालय ने अर्थदंड की राशि को पीड़ितों के उपचार में हुए खर्चे के लिए बतौर प्रतिकर देने का आदेश दिया है।

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    10 सितंबर 2018 दशौला गांव में रघुनाथ सिंह ने अपने सगे भाई शेर सिंह, बहु जया देवी, नीमा देवी व भाभी मोहिनी देवी पर तेजाब डाल दिया था। घटना के बाद ग्राम प्रधान दशौला कुंवर राम ने राजस्व उपनिरीक्षक कुलदीप जोशी को मामले की सूचना दी। सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। पीड़ित शेर सिंह पुत्र लछम सिंह ने अपने भाई रघुनाथ सिंह के खिलाफ राजस्व पुलिस में दर्ज कराई। रिपोर्ट मे कहा कि आरोपित रघुनाथ सिंह ने शेर सिंह, उनकी दो बहुओं व पत्नी के साथ गाली की। बहुओं ने गाली देने से मना किया। इस पर रघुनाथ गुस्से से आगबबूला हो गया और धमकी देने लगा परिवार को खत्म कर दूंगा। रघुनाथ सिंह पास ही आंगन में पड़ा तेजाब लेकर आया और भाई, बहु, भाभी पर डाल दिया। घटना के बाद आरोपित वहां से भाग गया। घटना में जया देवी व नीमा देवी के तेजाब से ज्यादा जलने पर सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया। वहां से उन्हें सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली रेफर कर दिया। दो महीने बाद अस्पताल में संघर्ष करते हुए जया देवी की मौत हो गई। मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैलवाल, लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने की।

    अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद नाथ त्रिपाठी ने रघुनाथ सिंह को आइपीसी की धारा 326ए में दोषी पाते हुए 12 साल का कारावास व एक लाख का अर्थदंड, आइपीसी 302 में आजीवन कारावास व 15 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आइपीसी 504 के तहत छह माह का कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।