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    बदरीनाथ हाईवे पर 32 नए भूस्खलन जोन, कई जगह दरक रही पहाड़ी

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 10:20 AM (IST)

    इस साल भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 32 नए भूस्खलन क्षेत्र बन गए हैं, जिससे राजमार्ग कई स्थानों पर संवेदनशील हो गया है। टीएचडीसी द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए किए गए कटान से भूस्खलन क्षेत्र बने। तोताघाटी में सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है। कई स्थानों पर पहाड़ी दरक रही है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।

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    ऋषिकेश-बदरीनाथ हाइवे पर नरकोटा के समीप नए उपजे भूस्खलन जोन। जागरण।  

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल। इस वर्ष हुई भारी बरसात से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 32 नए भूस्खलन जोन पैदा हो गए हैं। जबकि, 45 जोन पहले से चिह्नित हैं, जिसमें 22 का पहले चरण में स्थायी ट्रीटमेंट किया जा रहा है। भूस्खलन व भूधंसाव जोन से हाईवे कई जगहों पर अति संवेदनशील हो रखा है। इन नए भूस्खलन जोन का टीएचडीसी के विशेषज्ञ दल ने स्थलीय निरीक्षण कर दिया है। अब, टीएचडीसी द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे एनएच के डिवीजन कार्यालय के माध्यम से भारत सरकार को भेजा जाएगा।

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    भारत सरकार की आलवेदर रोड परियोजना के तहत वर्ष 2016 से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग का चौड़ीकरण कार्य शुरू किया गया था। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए किए कटान से जगह-जगह पहाड़ियों के दरकने से भूस्खलन जोन पैदा हो गए थे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन (टीएचडीसी) के सहयोग से ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक दो चरणों में 46 भूस्खलन जोन चिह्नित किए थे, जिसमें जिसमें ब्रह्मपुरी से कौडियाला तक 12, कौडियाला तक आठ, देवप्रयाग से श्रीनगर तक पांच और श्रीनगर से रुद्रप्रयाग तक छह भूस्खलन जोन शामिल हैं।

    भारत सरकार के राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से पहले चरण में ऋषिकेश से देवप्रयाग तक 22 भूस्खलन जोन का स्वाइल एवं राक एकरिंग तकनीक से स्थायी ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इन सभी स्थानों पर 70 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है। दूसरे चरण में देवप्रयाग से रुद्रप्रयाग तक 24 भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है।

    दूसरी तरफ इस वर्ष बरसात में ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक हाईवे पर 32 नए भूस्खलन जोन पैदा हो चुके हैं, जिससे सड़क और खराब हो चुकी है। कई भूस्खलन जोन ऐसे हैं, जो पहले से चिह्नित जोन के समीप ही उपजे हैं, जिससे हालात और नाजुक हो गए हैं। सम्राट होटल से नरकोटा तक करीब एक किमी क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील बन चुका है। यहां, जगह-जगह पहाड़ी दरक रही है। बीते साल यहां पहाड़ी से हुए भूस्खलन के चलते दो दिन तक हाईवे बंद रहा था। इस साल भी बरसात में यहां आए दिन यातायात बाधित हो रहा।

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    तोताघाटी के तीखे मोड़ों से मिली निजात

    आलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर सबसे संवेदनशील जोन तोताघाटी का पिछले चार-पांच वर्षों से सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है। यहां, चौड़ीकरण के तहत हाईवे के तीखे मोड़ खत्म कर दिए गए हैं। साथ ही पहाड़ी की तरफ से भी सुरक्षा दीवार का निर्माण कर सड़क को सुरक्षित किया जा रहा है।

    बदरीनाथ हाईवे पर उपजे नए भूस्खलन जोन

    बदरीनाथ हाईवे पर स्वीत पुल, सम्राट होटल के समीप, फरासू, ब्रह्मपुरी, तिमलापानी, शिवपुरी में नए भूस्खलन जोन उपजे हैं। इसके अलावा कौडियाला, महादेव चट्टी, सकनीधार, भीत गांव, देवप्रयाग संगम, देवप्रयाग एचपी बैंड, मुल्यागांव, निकट बगवान, मलेथा, कीर्तिनगर के समीप, उफ्ल्टा में भी भूस्खलन जोन हैं।

    ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बरसात से नए 32 भूस्खलन जोन बन गए हैं, जिनका टीएचडीसी के सहयोग से स्थलीय सर्वेक्षण किया जा चुका है। जल्द ही स्थायी सुधारीकरण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। हाईवे पर पूर्व में चिह्नित भूस्खलन जोन का चरणबद्ध तरीके से ट्रीटमेंट किया जा रहा है। आगामी यात्राकाल तक हाईवे की स्थिति काफी ठीक हो जाएगी।

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    - राजवीर सिंह चौहान, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, श्रीनगर गढ़वाल