उत्तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन की जद में आए दो घर; बाल-बाल बचे तीन बच्चे
चमोली जनपद की उर्गम घाटी में बारिश के कारण रांता तोक में भूस्खलन हुआ जिससे दो भवन क्षतिग्रस्त हो गए। गनीमत रही कि मकान के अंदर सो रहे तीन बच्चे बाल-बाल बच गए। ग्रामीणों का कहना है कि पीएमजीएसवाई विभाग की लापरवाही के कारण निर्माणाधीन सड़क का मलबा और बोल्डर आने से यह हादसा हुआ। रांता तोक के 15 परिवारों को ऊपर अटके बोल्डर से खतरा बना हुआ है।

संवाद सहयोगी जागरण, गोपेश्वर। उत्तराखंड में आफत की बारिश परेशान कर रही है। चमोली की उर्गम घाटी के रांता तोक में भूस्खलन के चलते दो भवन क्षतिग्रस्त हो गए।
पहाड़ों में इन दिनों आए दिन हो रही लगातार बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। चमोली जनपद के उर्गम घाटी में ग्राम पंचायत देवग्राम के रांता तोक में बारिश के चलते निर्मणाधीन सड़क का मलबा व बोल्डर आने के चलते आशीष व मनोज का आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया।
बताया कि बुधवार सुबह साढ़े छह बजे बारिश के बीच एकाएक भवन के ऊपर से भारी मलबा आने से भवन के अंदर सो रहे तीन बच्चों को खतरा बन गया हो हल्ला करने के बाद बच्चों को जगाकर बाहर लाया गया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
ग्रामीणों ने बताया कि पीएमजीएसवाई विभाग की लापरवाही के चलते गीरा बांसा निर्माणाधीन सड़क पर नाली निकासी स्कवर न होने से यह हादसा हुआ है,बताया कि घटना की जानकरी तहसील प्रशासन को दी गई है। गांव के ऊपर अटके बड़े बोल्डर से रांता तोक के 15 परिवारों को भी खतरा बना हुआ है।
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