Uttarakhand Panchayat Chunav: यहां प्रधान पद पर डटी हैं देवरानी-जेठानी, सास दुविधा में वोट किसे दें?
चमोली जिले के सल्ला रैतोली ग्राम पंचायत में देवरानी और जेठानी के बीच प्रधानी का चुनाव हो रहा है। पूर्व प्रधान की पत्नी आशा देवी और उनके देवर की पत्नी निरजा पंवार दोनों मैदान में हैं। परिवार और गांव वालों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानीं। अब दोनों घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं जिससे क्षेत्र में इस चुनाव की चर्चा है।

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। दशोली विकासखंड के सल्ला रैतोली ग्राम पंचायत में खास देवरानी ,जेठानी मैदान में है। सबसे ज्यादा दिक्कत में सास है आखिर वोट किसको दूं। हालांकि एक ही परिवार के खास दो भाईयों की पत्नियों का मैदान में उतरने के बाद परिवार के अन्य सदस्य सहित ग्रामीण भी असमंजस में हैं।
चमोली जिले में विकासखंड दशोली में सल्ला रैतोली गांव पीपलकोटी के पास है। पंचायत चुनावों में यह गांव इन दिनों चर्चाओं में है। ग्राम पंचायत में प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित है। यहां देवरानी-जेठानी प्रधानी के लिए मैदान में ताल ठोककर डटी हुई हैं।
रैतोली गांव के पूर्व प्रधान हरेंद्र पंवार की पत्नी आशा देवी पंवार प्रधानी के लिए चुनाव मैदान में है। आशा पूर्व में भी प्रधान रह चुकी है। हरेंद्र पंवार के छोटे भाई नरेंद्र पंवार की पत्नी निरजा पंवार भी इस बार चुनाव मैदान में है। बताया गया कि इस सीट पर कम्यार गांव से एक अन्य महिला प्रत्याशी भी मैदान में है। देवरानी ,जेठानी को मनाते हुए एक को ही चुनाव मैदान में उतारने के लिए परिवार सहित गांव वालों ने प्रयास किया लेकिन दोनों ही मानने को तैयार नहीं हुए ।
परिवार सहित ग्रामीणों ने सामाजिक ,पारिवारिक दिक्कतों को भी समझाया बताया गया कि जेठानी का तर्क था कि वह पूर्व में प्रधान रही तथा अनुभव भी है। ऐसे में महिला आरक्षित सीट पर उसका दावा मजबूत है। जबकि देवरानी का कहना था कि सामाजिक कार्यों में सक्रियता के साथ उन्हें ग्राम पंचायत की सरकार को बेहतर ढंग से संचालन करने की मंशा है। गांव में समस्याएं आज भी विद्यमान है ऐसे में वह सबसे उपयुक्त दावेदार है।
बताया गया कि जब समझौते को लेकर कोई बात नहीं बनी तो दोनाें ही देवरानी जेठानी घर घर जाकर अपने लिए वोट मांग कर प्रचार करते रहे। उनके पति भी उनके साथ प्रचार में सक्रिय हैं। लेकिन हर जगह उन्हें परिवार में एकता के मुद्दे पर मतदाताओं की बातों को सुनना पड़ रहा है। देवरानी जेठानी के संघर्ष की चर्चा क्षेत्र में आम है।
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