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    Uttarakhand Panchayat Chunav: मतदान के समय सामने आई लापरवाही, जनजाति बूथों पर दाएं हाथ की तर्जनी पर लगाते रहे स्याही

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 05:59 PM (IST)

    नीति मलारी घाटी में मतदान के दौरान मतदान कर्मियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए मतदाताओं के दाहिने हाथ की उंगली पर स्याही लगा दी। जिलाधिकारी ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं और द्वितीय चरण में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं ताकि दोबारा मतदान को रोका जा सके। यह घटना चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है।

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    दाहिने हाथ की उंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए मतदाता। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। नीति मलारी घाटी में पोलिंग स्टेशनों में मतदान के दौरान बांए हाथ की तर्जनी उंगली पर अमिट स्याही लगाने के बजाय मतदान कर्मियों द्वारा नियमों के विपरीत मतदाताओं के दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही लगाई है। जिसकी तस्वीरें सामने आई हैं।

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    सूचना के बाद जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने इस पर सेक्टर मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है।हालांकि डीएम के संज्ञान लेने के बाद मतदान केंद्रों में तैनात कर्मचारियों द्वारा सांय को त्रुटि को सुधारा गया। लेकिन दोबारा ऐसा न हो इसके लिए जिलाधिकारी ने द्वितीय चरण के दौरान दशोली, कर्णप्रयाग, पोखरी,नंदानगर व गैरसैंण विकासखंडों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जनजाति मतदाता वाले बूथों पर मतदाताओं के दोनों हाथों पर स्याही चैक करने की रणनीति बनाई है।

    बताया गया कि नीति व माणा घाटी में मतदान के दौरान चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत मतदाता द्वारा मतदान करने के दौरान पुष्टि के लिए लगाई जाने वाली अमिट स्याही बाएं हाथ के तर्जनी उंगली पर लगाने के बजाय दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर लगाई जा रही थी।  नीति घाटी के फरकिया, बांपा, रैणी, पैंग, नीति, माणा आदि बूथों पर बांए के बजाय दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर अमिट स्याही लगाई गई।

    चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत

    बताया गया कि यह चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत है। दरअसल इस स्याही के माध्यम से यह तय होता है कि व्यक्ति द्वारा मत का प्रयोग किया जा चुका है। यह दोबारा मतदान करने को रोकने के लिए ही लगाया जाता है। मतदाता के मतदान के दौरान बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर ही स्याही लगाई जाने का नियम है।

    प्रशिक्षण के दौरान मतदान कर्मचारियों को भी स्याही लगाने की प्रकि्या समझाई जाती है। लेकिन नीति मलारी व माणा घाटी के कई बूथों पर दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर अमिट स्याही लगाई गई है। हालांकि यह प्रथम दृष्टया हर कोई सामान्य त्रुटि ही समझेगा लेकिन ऐसा हरगिज नहीं है। दरअसल प्रशासन को पता है कि नीति,माणा घाटी के मतदाताओं का नाम निचले स्थानों में मतदाता सूची में भी दर्ज है। इन क्षेत्रों में द्वितीय चरण में मतदान होना है।

    ऐसे में मतदाताओं द्वारा दोबारा मतदान का अंदेशा इसलिए भी हो सकता है कि मतदाता द्वारा मतदान करने का सबूत बांऐ हाथ के तर्जनी उंगली पर स्याही का निशान मौजूद नहीं है। जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि नीति घाटी व माणा घाटी में भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं। ये लोग ग्रीष्मकालीन मूल गांव नीति मलारी ,माणा घाटी व शीतकाल में कर्णप्रयाग,नंदानगर,दशोली ,पोखरी विकासखंडों के गांवों में आ जाते हैं।

    कहा कि दशोली,कर्णप्रयाग,नंदानगर,पोखरी,गैरसैंण विकासखंडों में द्वितीय चरण में मतदान होना है। लिहाजा यहां के मतदान कर्मियों को वोटरों के दोनों हाथों की उंगलियों पर स्याही के निशान देखने के साथ ही नीति माणा घाटी में वोटिंग कर चुके वोटरों की सूची भी उपलब्ध कराई जाएगी। कहा कि निर्वाचन कर्मियों द्वारा की गई इस लापरवाही को लेकर सेक्टर मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी गई है।

    ये है नियम

    • निर्वाचन आयोग के नियमानुसार मतदान करने वाले व्यक्ति को मतदान से पूर्व बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर मतदान कर्मी स्याही लगाएगा।
    • अगर कोई दिव्यांग है और उसकी बाएं हाथ की तर्जनी उंगली नहीं है तो उसके बगल वाली उंगली पर स्याही लगाई जाएगी।
    • अगर दिव्यांग मतदाता की उंगलियां नहीं है तो ऐसी स्थिति में दाहिने हाथ की तर्जनी पर स्याही लगाई जाएगी।
    • इसके अलावा अगर कोई मतदाता, किसी असमर्थ मतदाता के सहायक के रुप में मतदान करने जा रहा है तो उस उपस्थिति में सहायक के दाहिने हाथ के तर्जनी उंगली पर अमिट स्याही लगाई जाएगी।

    इन नियमों का उलंघन पर मतदान कर्मियों को आयोग की कार्रवाई का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।