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    Changmolung Glacier: ...तो इस वजह से पिघल रहा है चांगमोलुंग ग्लेशियर, 478 मीटर खिसक चुका पीछे

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 06:50 AM (IST)

    वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने लद्दाख की नुब्रा घाटी में चांगमोलुंग ग्लेशियर के पिघलने का कारण जलवायु परिवर्तन नहीं बल्कि गर्म पानी का स्रोत पाया है। 1969 से 2022 के बीच ग्लेशियर 478 मीटर पीछे खिसका है। ग्लेशियर का औसत तापमान -9.21 डिग्री सेल्सियस है जबकि गर्म पानी के स्रोत का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस है जिससे ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है।

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    ग्लेशियरों की सेहत के दुश्मन बन रहे गर्म पानी के स्रोत

    सुमन सेमवाल, देहरादून। लद्दाख की नुब्रा घाटी (कराकोरम) में विज्ञानियों ने ग्लेशियरों की सेहत का ऐसा राज खोला है, पूरी दुनिया में अध्ययन के तौर-तरीकों को बदल सकता है। यहां के चांगमोलुंग ग्लेशियर के तेजी से पिघलने के पीछे की वजह जलवायु परिवर्तन की जगह गर्म पानी का स्रोत होना पाया गया है।

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    चांगमोलुंग ग्लेशियर में वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के विज्ञानियों ने न सिर्फ गर्म पानी का स्रोत खोजा, बल्कि यह भी बताया कि इसने ग्लेशियर के पिघलने की दर को बढ़ा दिया है। अध्ययन के अनुसार वर्ष 1969 से 2022 के बीच चांगमोलुंग ग्लेशियर 478 मीटर से अधिक पीछे खिसका है।

    वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा समीर के तिवारी के अनुसार चांगमोलुंग ग्लेशियर का वार्षिक औसत तापमान माइनस 9.21 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि जो गर्म पानी का स्रोत निकल रहा है, उसका तापमान 08 से 10 डिग्री सेल्सियस पाया गया।

    यही कारण है कि ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है। वरिष्ठ विज्ञानी डा तिवारी के अनुसार ग्लेशियर के किनारों पर बर्फ की सतह पिघलने की दर सालाना 1.9 मीटर पाई गई, जबकि गर्म पानी के स्रोत के पास यह दर बढ़कर 3.9 मीटर हो गई है।

    वहीं, औसतन ग्लेशियर के दर की बात करें तो यह करीब 2.9 मीटर पाई गई। ऐसे में स्पष्ट होता है कि चांगमोलुंग ग्लेशियर के तेजी से पिघलने का कारण सिर्फ जलवायु परिवर्तन नहीं है। अन्य ग्लेशियर पर भी ऐसा ही प्रभाव नजर आ सकता है।

    लिहाजा, हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट मानिटरिंग की निरंतर आवश्यकता है। अन्य ग्लेशियर पर इस तरह के अध्ययन किए जाने चाहिए और नदियों और निचले क्षेत्रों में पानी पर दिखने वाले असर की पड़ताल भी आवश्यक है।

    ग्लेशियर के नीचे भूगर्भ से आ रहा पानी

    वाडिया संस्थान के विज्ञानियों ने स्रोत के पानी में पीएच, तापमान, ईसी, टीडीएस और डीओ के साथ ही इसके आइसोटोप की जांच भी की। जिससे स्पष्ट हुआ कि यह ग्लेशियर की जगह भूगर्भ से निकलने वाला पानी ही है।

    चांगमोलुंग ग्लेशियर की स्थिति

    • क्षेत्रफल, 9.96 वर्ग किमी
    • ऊंचाई, 4980 से 6070 मीटर
    • लंबाई, 5.9 किमी
    • औसत ढाल, 19 डिग्री
    • औसत तापमान, माइनस 9.21 डिग्री सेल्सियस
    • सर्दी में, माइनस 21.1 डिग्री सेल्सियस
    • गर्मी में, 2.93 डिग्री सेल्सियस
    • न्यूनतम, माइनस 30 डिग्री सेल्सियस
    • अधिकतम, 12.3 डिग्री सेल्सियस
    • वर्षा, 0.54 एमएम/सालाना (बहुत शुष्क)