देहरादून घंटाघर की घड़ियों की टिक-टिक थमी, व्यापारियों ने जताई नाराजगी
देहरादून के घंटाघर की घड़ियाँ बंद होने से व्यापारी निराश हैं। उनका कहना है कि इससे घंटाघर की पहचान पर असर पड़ा है और लोगों को समय देखने में दिक्कत हो रही है। व्यापारियों ने नगर निगम से घड़ी को तुरंत ठीक कराने की मांग की है ताकि घंटाघर की रौनक बनी रहे।

घंटाघर के रिनोवेशन के बाद घड़ियों में आई खराबी पर नहीं दे रहे ध्यान. File Photo
जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून की पहचान घंटाघर एक बार फिर चर्चा में है। करोड़ों रुपये की लागत से हुए रिनोवेशन के बाद अब इसकी घड़ियां बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में नाराजगी है। उन्होंने स्मार्ट सिटी और प्रशासन ने जल्द से जल्द घड़ियों की मरम्मत कराने की मांग की है।
महानगर कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि देहरादून का घंटाघर शहर की शान है, लेकिन अफसोस की बात है कि रिनोवेशन के एक महीने बाद ही घड़ियां बंद पड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि रिनोवेशन कार्य में करोड़ों रुपये खर्च किए गए और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका उद्घाटन सात सितंबर को किया था, जिसमें महापौर सौरभ थपलियाल और विधायक खजान दास भी मौजूद थे।
सुनील बांगा ने कहा कि जिस एजेंसी ने घंटाघर का रिनोवेशन किया है, उसने घड़ियों की गारंटी दी होगी। यदि यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत है, तो स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को तत्काल इसकी मरम्मत करवानी चाहिए। उन्होंने विधायक खजान दास से भी हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि घंटाघर शहर की पहचान है, इसे सही हालत में बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि हर पांच साल बाद घंटाघर के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकलता। इस मौके पर व्यापारी सुरेश गुप्ता, मनोज कुमार, राजेश मित्तल, अरुण कोहली, राहुल कुमार, रजत कुमार, आमिर खान, सनी सोनकर, विशाल खेड़ा, सोनू मेहंदीरत्ता, राजेंद्र सिंह घई आदि उपस्थित रहे।
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