Dehradun News: साइबर ठगी का शिकार हुए ONGC के जनरल मैनेजर, शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 7.39 करोड़ रुपये ठगे
देहरादून निवासी ओएनजीसी के जनरल मैनेजर संदीप कुमार साइबर ठगी का शिकार हुए। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर उनसे 7.39 करोड़ रुपये ठगे गए। उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शेयर बाजार में मुनाफे का लालच दिया गया और एक ऐप पर निवेश कराया गया। जब उन्होंने पैसे निकालने चाहे तो टैक्स की मांग की गई जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

जागरण संवाददाता, देहरादून। ओएनजीसी त्रिपुरा में जनरल मैनेजर पद पर तैनात दून निवासी अधिकारी से साइबर ठगों ने 7.39 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर दी। शेयर मार्केट में निवेश करने पर साइबर ठगों ने मोटा मुनाफा का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया।
शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस पुलिस स्टेशन ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता संदीप कुमार ने बताया कि वह ओएनजीसी त्रिपुरा में जनरल मैनेजर पद पर तैनात हैं और नेहरू कालोनी में निवास करते हैं।
साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर ठगों ने जाल में फंसाया
15 जून को उनके वाट्सएप नंबर पर उन्हें वेल्थ सीक्रेट एक्सचेंज ग्रुप में शामिल होने के लिए लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक कर उन्होंने ग्रुप ज्वाइन कर लिया। ग्रुप में मुकेश कुमार शर्मा ग्रुप एडमिन था जबकि ग्रुप में 173 सदस्य जुड़े हुए थे।
मुकेश कुमार शर्मा बातचीत में उनसे शेयर मार्केट की जानकारी देनी शुरू कर दी और ग्रुप के सदस्यों को शेयर मार्केट में भारी भरकम लाभ का लालच देते हुए 25 जुलाई को ग्रुप में एक एप का लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करने से एप खुल गया, जिस पर उन्होंने अपने आधार कार्ड नंबर से रजिस्ट्रेशन कर लिया।
शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में हुआ मुकदमा दर्ज
इसी बीच उनके फोन पर एक अन्य वाट्सएप ग्रुप डिसीप्लेन टीम में जोड़ दिया, जिसमें सात सदस्य थे। इस ग्रुप में आइपीओ व शेयर में निवेश के लिए प्रेरित किया गया। लालच में आकर उन्होंने निवेश करना शुरू कर दिया। 22 जुलाई से 20 अगस्त तक आइपीओ शेयर में निवेश के नाम पर उनसे 15 खातों में 7.39 करोड रुपये जमा कराए गए। एप में उन्हें आइपीओ व शेयर में निवेश से कुल मुनाफा 100 करोड़ रुपये के लगभग दिखाया गया।
न करोड़ रुपये टैक्स भरने के लिए मैसेज आया
21 अगस्त को उन्होंने पांच करोड़ रुपये निकालने के लिए रिक्वेस्ट डाली तो दूसरे दिन तीन करोड़ रुपये टैक्स भरने के लिए मैसेज आया। जब उन्होंने टैक्स काटकर बाकी रकम वापस करने की मांग की तो बताया गया कि इंटरनेशनल ब्रोकर फर्म होने के कारण टैक्स अलग से देना होगा। ठगी होने का एहसास होने पर उन्होंने 22 अगस्त को साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।