उत्तराखंड में 77 साल बाद रोशन हुआ तोक बुरुसी, दीपावली पर मनेगा जश्न
अल्मोड़ा जिले के तोक बुरुसी गांव में आजादी के 77 साल बाद बिजली पहुंची है। नैनीताल के भीमताल से विद्युत लाइन खींची गई है। पहले वन क्षेत्र होने के कारण बिजली पहुंचाने में दिक्कत थी। ग्रामीणों ने हार नहीं मानी और ऊर्जा विभाग को रास्ता निकालना पड़ा। दीपावली पर पहली बार गांव रोशनी से जगमगाएगा।

अश्वनी त्रिपाठी, देहरादून। सरकारी अड़चनों में उलझे अल्मोड़ा जिले के तोक बुरुसी गांव ने 77 साल बाद अंधेरे के पहाड़ को चीर दिया है। गांव वालों की जिद् व हौसला अडिग था। इसके आगे झुककर सिस्टम को नया रास्ता निकालना पड़ा।
अल्मोड़ा जिले के गांव को नैनीताल से बिजली आपूर्ति का फैसला लिया गया। लंबे संघर्ष व इंतजार के बाद गांव के मुहाने पर लगे खंभों तक करंट पहुंच गया है। अब तक लालटेन व ढिबरी के सहारे जिंदगी गुजार रहे ग्रामीणों में खुशी की लहर है। आजादी के बाद पहली बार तोक बुरुसी गांव दीपावली पर रोशनी से गुलजार होगा।
अल्मोड़ा जिले की तहसील लमगड़ा में स्थित तोक बुरुसी गांव। डामर क्षेत्र के इस गांव में लगभग 15 मकान हैं। युवा व बुजुर्गों को मिलाकर गांव में लगभग 50 लोग रहते हैं। गांव विद्युत वितरण खंड अल्मोड़ा के कार्यक्षेत्र में आता है, लेकिन आजादी के 77 साल बाद भी गांव में विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया जा सका।
गांव वालों ने जब भी बिजली आपूर्ति का मुद्दा उठाया तो कहा गया कि घना वन क्षेत्र होने के कारण गांव तक खंभों को लगा पाना संभव नहीं है। इसलिए गांव तक बिजली नहीं पहुंच सकती। करीब 77 साल तक ग्रामीण सरकारी सिस्टम की इस पहेली में उलझे रहे।
ग्रामीणों ने भी हार नहीं मानने की ठान रखी थी। आखिर ऊर्जा विभाग को हार माननी पड़ी। यह तय किया गया कि जिलों के सीमा विवाद में उलझने के बजाय गांव तक बिजली पहुंचाने का रास्ता निकाला जाए।
सर्वे में यह सामने आया कि अल्मोड़ा के स्थान पर नैनीताल के भीमताल से अगर विद्युत लाइन खींचीं जाए तो गांव तक आसानी से विद्युतीकरण कार्य किया जा सकता है। ऊर्जा विभाग ने चंद दिनों में तोक बुरुसी की दहलीज तक विद्युत लाइन खींच दी। अब आगामी दीपावली गांव के लिए खास होने वाली है। पहली बार गांव रोशनी से जगमग होगा तो ग्रामीणों की 77 सालों की साधना भी सर्वसिद्धि को प्राप्त होगी।
रात में जंगली जानवरों का रहता खतरा
तोक बुरुसी गांव के ओम प्रकाश व वेद प्रकाश ने विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में बताया कि गांव में रात में जंगली जानवरों का खतरा रहता है। अंधेरा होने से भय का वातावरण बना रहता है। कहा, गांव का विद्युतीकरण किया जाए ताकि मोबाइल इंटरनेट व वाई-फाई चार्ज कर सामान्य जीवन व्यतीत किया जा सके।
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राज्य में अभी भी 60 सीमांत गांवों में अब तक ग्रिड से बिजली नहीं पहुंची है। इनमें विद्युतीकरण के लिए यूपीसीएल की ओर से योजना बनाकर काम किया जा रहा है।
भौगोलिक अवरोधों के कारण गांव में अल्मोड़ा से विद्युत लाइन पहुंचाना संभव नहीं था। इसलिए भीमताल से विद्युत लाइन को गांव तक पहुंचाया गया है। गांव तक खंभे पहुंच गए हैं। उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
काजल, एसडीओ-भीमताल
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