Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Dehradun News: रिटायर्ड टीचर को वीडियो कॉल में तीन घंटे तक किया डिजिटल अरेस्ट, ठगों ने 59 लाख रुपये ठगे

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:00 AM (IST)

    देहरादून में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर 59 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने मनी लांड्रिंग का आरोप लगाकर वीडियो कॉल पर तीन घंटे तक उन्हें डराया। पीड़ित ने एफडी एसआईपी और पेंशन से पैसे ठगों के खाते में भेजे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठगों ने पीड़ित को सजा और बच्चों की गिरफ्तारी का डर दिखाया था।

    Hero Image
    सेवानिवृत्त शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर 59 लाख रुपये ठगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, देहरादून। कांवली रोड के एक सेवानिवृत्त शिक्षक कौस्तुभानंद जोशी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 59 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। ठगों ने उन्हें झांसे में लेकर मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया और वीडियो कॉल में लगभग तीन घंटे तक उन्हें अरेस्ट रखा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान ठगों ने उन्हें सजा और उनके बच्चों की गिरफ्तारी का भय दिखाया, जबकि वह 80 वर्ष के बुजुर्ग हैं और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं। साइबर थाना पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    कौस्तुभानंद जोशी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। उनके दोनों बेटे काम के सिलसिले में बाहर हैं। 27 अगस्त को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकम्युनिकेशन विभाग का कर्मचारी राजीव बताया।

    उसने कहा कि उनके नाम पर मुंबई के तिलक नगर में एक सिम कार्ड लिया गया है, जिसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। सिम को बंद कराने के लिए उसने क्राइम डिपार्टमेंट मुंबई से संपर्क करने की बात कही और काल को क्राइम डिपार्टमेंट से जोड़ दिया।

    कथित क्राइम डिपार्टमेंट के लोगों ने तीन घंटे तक बात करने के बाद बताया कि वह किसी नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग केस में शामिल हैं। नरेश गोयल के घर की तलाशी में उनके नाम का केनरा बैंक का एटीएम कार्ड मिला है, जिसके माध्यम से उनके खाते से दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।

    कॉल करने वालों ने लंबी वीडियो कॉल कर गिरफ्तारी के आदेश वाले दस्तावेज दिखाए और कहा कि उन्हें छह महीने से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है।

    इस भय से घबराकर, कौस्तुभानंद ने अपनी सभी एफडी तोड़कर 15 लाख रुपये, अन्य एफडी से 26 लाख रुपये, एसआईपी से 5.47 लाख रुपये और पेंशन का 1.08 लाख रुपये ठगों के बताए खाते में भेज दिए। इसके बाद भी ठगों ने और पैसे की मांग की।

    अंततः रिश्तेदारों को इस मामले की जानकारी मिली, जिन्होंने उन्हें साइबर हेल्पलाइन में शिकायत करने की सलाह दी। प्रभारी निरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि पीड़ित के साथ साइबर ठगी हुई है और जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।