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    Dehradun: कुंभ मेले से पहले गोविंद नगर में हटेगा कूड़े का पहाड़, बदबू और गंदगी से लोगों को मिलेगी निजात

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 10:05 AM (IST)

    देहरादून के गोविंद नगर में कुंभ मेले से पहले कूड़े का पहाड़ हटाया जाएगा। निगम ने 7.19 करोड़ की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर शासन को भेजी है। ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, देहरादून। शहर के बीचों-बीच गोविंद नगर में कूड़े का पहाड़ हटाने के लिए नगर निगम फिर सक्रिय हुआ है। कुंभ मेले से पहले यहां से कूड़ा हटाने की तैयारी की जा रही है। निगम ने 7.19 करोड़ की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर शासन को भेजी है। वर्तमान में यहां 1.30 लाख मिट्रिक टन कूड़ा जमा है।

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    नगर पालिका से नगर निगम बनने के बाद भी निकाय के पास अपना कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। शहर के बीचों-बीच गोविंद नगर में सालों से कूड़ा डंप किया जाता है। अब यहां कूड़े का पहाड़ एकत्र हो गया है। बीच-बीच में नगर निगम इसे कुछ हटवाता है।

    लेकिन लगातार कूड़ा यहां डंप होता रहता है। गंगा से कुछ दूरी और शहर के बीचों-बीच होने के कारण यह परेशानी का कारण बना हुआ है। कूड़े उठने वाली बदबू के कारण आसपास क्षेत्र के लोग परेशान रहते हैं।

    अब नगर निगम ने नए सिरे से कूड़ा निस्तारण की डीपीआर तैयार की है। निगम ने जो आकलन किया उसके अनुसार यहां 1.30 लाख मिट्रिक टन कूड़ा एकत्र है। शासन से वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी मांगी गई है। कुंभ से पहले इस क्षेत्र को कूड़ा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

    ऋषिकेश कुंभ मेला क्षेत्र में शामिल है। कुंभ में हरिद्वार आने वाले कई श्रद्धालु ऋषिकेश भी आते हैं। निगम की ओर से 7.19 करोड़ की डीपीआर को शासन को भेजकर मंजूरी मांगी गई है। अगर शासन से मंजूरी नहीं मिलती है तो निगम अपनी ओर से भी कुंभ मेला से पहले कूड़ा निस्तारण की तैयारी कर रहा है।

    कूड़े के पहाड़ से लोग परेशान

    गोविंद नगर में कूड़े का निस्तारण करना निगम के लिए हमेशा चुनौती रहा है। दूर से यहां कूड़े का पहाड़ नजर आ जाता है। गर्मियों में कूड़े में आग लगती है तो कई दूर तक लोग परेशान रहते हैं। वहीं इससे उठाने वाली दुर्गंगध भी लोगों के लिए समस्या बनी हुई है।

    साथ ही बरसात में पानी के साथ कूड़ा बहकर सड़कों पर आ जाता है। कूड़ा स्थल से दूर बनखंडी तक लोग परेशान रहते हैं। कूड़ा निस्तारण का यह मुद्दा चुनावी मुद्दा भी रहा है।

    पहली डीपीआर बनी थी 26 करोड़ की

    नगर निगम की ओर से एक दूसरी एजेंसी से भी कूड़ा निस्तारण के लिए डीपीआर बनाई गई थी। उस एजेंसी ने करीब 26 करोड़ की डीपीआर बनाई। इतनी अधिक लागत होने के कारण नगर निगम ने दूसरी एजेंसी से डीपीआर बनवाई। उसके बाद एक अन्य एजेंसी से डीपीआर बनवाई गई।


    लालपानी बीट में निर्माण की रफ्तार धीमी

    नगर निगम की ओर से लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट निर्माणाधीन है। लेकिन काम की रफ्तार धीमी है। इस साल के आखिरी या जनवरी में इस प्लांट को शुरू करने की तैयारी थी। अब तक इसका काम पूरा नहीं होने के कारण इसमें कूड़ा डंप करना संभव नहीं है।

    नगर निगम अब प्लांट का निर्माण करने वाली कंपनी को अंतिम नोटिस देने की तैयारी कर रही है। लालपानी बीट में ऋषिकेश के साथ ही मुनिकीरेती, तपोवन, नरेंद्रनगर, स्वर्गाश्रम निकायों का कूड़ा भी डंप होना है। कूड़ा निस्तारण सभी निकायों के लिए चुनौती बनी हुई है।