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    क्‍या कभी देखें हैं 'सुर्खाब के पर'? उत्‍तराखंड की आसन रामसर साइट में प्रवास को पहुंचे बेहद खूबसूरत 32 परिंदे

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 02:22 PM (IST)

    देहरादून के आसन वेटलैंड में सुर्खाब पक्षी अपने निर्धारित समय पर पहुंच चुके हैं। हर साल सात अक्टूबर को ये पक्षी प्रवास के लिए आते हैं और मार्च तक यहीं रहते हैं। इस बार 32 सुर्खाब पक्षियों के साथ प्रवास की शुरुआत हुई है। वन विभाग के अनुसार ठंड बढ़ने के साथ ही अन्य प्रजातियों के पक्षी भी यहां पहुंचेंगे।

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    आसन रामसर साइट में निर्धारित तिथि पर प्रवास को आए 32 सुर्खाब। जागरण

    जागरण संवाददाता, विकासनगर। देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसन वेटलैंड में मंगलवार को अपनी निर्धारित तिथि पर रुडी शेलडक यानि सुर्खाब पक्षी प्रवास पर पहुंचे हैं। शुरूआत में 32 सुर्खाब पक्षी प्रवास पर आए हैं। इसके बाद अन्य विदेशी परिंदों के भी उत्तराखंड का मेहमान बनने का क्रम शुरू हो जाएगा।

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    ये परिंदे अपने टाइम के पाबंद

    विदेशी परिंदे अपने टाइम के इतने पाबंद हैं कि अक्टूबर की सात तारीख प्रवास के लिए आने की निर्धारित है। मौसम चाहे कैसा भी हो, लेकिन विदेशी परिंदे प्रवास पर आकर अपने टाइम व तिथि के पाबंद होने का सबूत हर बार देते हैं। सबसे पहले सुर्खाब ही प्रवास पर आता है। अपनी इसी परंपरा को कायम रखते हुए 32 सुर्खाब परिंदे मंगलवार को उत्तराखंड के मेहमान बन गए।

    हर साल अक्टूबर शुरूआती सप्ताह में ही ठंडे देशों साइबेरिया आदि से प्रवासी परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बनने शुरू हो जाते हैं, जो मार्च तक आसन रामसर साइट में प्रवास पर रहते हैं। आसन रेंज के वन दारोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि शुरूआत में 32 सुर्खाब पक्षी प्रवास पर आए हैं। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी, प्रवासी परिंदों की प्रजातियां व संख्या दोनों बढ़ती जाएगी।

    आसन वेटलैंड में कब कितने परिंदे आए

    • वर्ष 2015 में 48 प्रजातियों के 5796 परिंदे।
    • वर्ष 2016 में 84 प्रजातियों के 5635 परिंदे।
    • वर्ष 2017 में 60 प्रजातियों के 4569 परिंदे।
    • वर्ष 2018 में 61 प्रजातियों के 6008 परिंदे।
    • वर्ष 2019 में 69 प्रजातियों के 6170 परिंदे।
    • वर्ष 2020 में 50 प्रजातियों के 4466 परिंदे।
    • वर्ष 2021 में 55 प्रजातियों के 4497 परिंदे।
    • वर्ष 2022 में 49 प्रजातियों के 5680 परिंदे।
    • वर्ष 2023 में 42 प्रजातियों के 4642 परिंदे।
    • वर्ष 2024 में 141 प्रजातियों के 5230 परिंदे।
    • वर्ष 2025 में 171 प्रजातियों के 5225 परिंदे।