उफनाई तमसा, श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में घुसा मलबा; पीतल की मूर्ति बही
देहरादून में भारी बारिश से तमसा नदी उफान पर है जिससे टपकेश्वर महादेव मंदिर डूब गया। मंदिर परिसर में मलबा फैल गया और पुजारियों को सुरक्षित निकाला गया। मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर में भी मलबा घुसा है लेकिन मूर्तियां सुरक्षित हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थाई पुल बनाने का आग्रह किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अतिवृष्टि से तमसा नदी के मध्यरात्रि से ही उफान पर होने से ऐतिहासिक श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर पूरी तरह डूब गया। परिसर में स्थापित पीतल की शिव मूर्ति और पानी की टंकी के साथ रेलिंग बह गई। पानी मंदिर के गर्भ गृह तक शिवलिंग को छूता हुआ पहुंच गया।
वहीं मंदिर में रहने वाले दिगंबर भरत गिरी व अन्य 14 पुजारियों को सेवादारों ने बाहर निकाला। पानी कम हुआ तो परिसर में तकरीबन एक से तीन फीट तक मलबा फैल गया। हालांकि कहीं भी गर्भगृह की मूर्तियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। सेवादार दिनभर गर्भगृह से लेकर परिसर में सफाई करते रहे।
वहीं, मंदिर में पानी भरने और मलबा आने से अग्रिम आदेश तक कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिए हैं। श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर से माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर और संतोषी माता मंदिर को जोड़ने वाला गोरखा रेजिमेंट का 1962 में बनाया पुल भी बह गया।
मंदिर में मध्यरात्रि से तमसा नदी का पानी लगातार बढ़ता गया। नदी अपने सामान्य स्तर से 32 फीट ऊपर बहने लगी। नदी से ऊपर स्थित हनुमान की 31 फीट की मूर्ति की नाक तक पानी बहता रहा। इससे श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर के अलावा, माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर और संतोषी माता मंदिर में भी पानी भर गया।
श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री 108 कृष्णा गिरी महाराज ने बताया कि उन्होंने आज से पहले इस तरह तमसा का विकराल रूप नहीं देखा। महादेव का आशीर्वाद रहा कि नदीं का इतना पानी मंदिर में आने के बाद भी सभी पुजारी समय पर बाहर निकल गए। जब तक श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला शुरू हुआ तब तक पानी कम हो चुका था।
मंदिर परिसर से लेकर अंदर गर्भगृह तक मलबा पहुंचा है। हालांकि प्रशासन की ओर से फिलहाल सहयोग नहीं मिल पाया। तकरीबन 100 सेवादार सुबह से अलग अलग समय पर सफाई में जुटे हैं। आज भी सफाई का कार्य जारी रहेगा। कार्य पूरा होता है मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। फिलहाल मुख्य गेट के पास बैरियर लगाकर व बीच में अन्य जगहों पर रस्सियों से रास्ता बंद कर दिया है। श्रद्धालुओं से अपील है कि वह मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही दर्शन व जलाभिषेक करने पहुंचे।
श्रद्धालुओं की लगती रही भीड़
सुबह से ही मंदिर में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़ लगती रही। हालांकि गेट बंद देख सभी कारण पूछने लगे तो दुकानदारों ने उन्हें मंदिर की स्थिति बताई। इसके बाद कुछ वापस लौटे ताे कइयों ने श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के ऊंपर स्थित श्री देवेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया। सेवादारों के मना करने के बाद भी कुछ श्रद्धालु मंदिर परिसर तक पहुंचे लेकिन वहां मलबा देखकर उन्हें भी वापस लौटना पड़ा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बने अस्थाई पुल
माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर हनुमानजी, श्री राम दरबार, श्री लक्ष्मी नारायण, शनि महाराज, गोवर्धन पर्वत उठते भगवान श्रीकृष्ण स्वरुप सुरक्षित हैं। मंदिर के संस्थापक आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि मंदिर में पांच फीट तक मलबा घुसा है। लेकिन, पिंडियों और मूर्ति को नुकसान नहीं हुआ। आगामी 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र पूजा अनुष्ठान शुरू हो रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फिलहाल अस्थाई पुल बनाया जाए। मंदिर के अंदर घुसा मलबा व क्षतिग्रस्त रेलिंग का निर्माण किया जाए।
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