धामी कैबिनेट का फैसला: उत्तराखंड में बसेंगे नये शहर, जमीन देने वालों को बदले में मिलेगी जमीन
उत्तराखंड सरकार ने औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। वाणिज्यिक भूखंडों पर 100% निर्माण की अनुमति दी गई ह ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक। आर्काइव
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार ने वाणिज्यिक भूखंडों पर व्यावसायिक-आफिस उपयोग के लिए निर्माण में भू-आच्छादन की बाध्यता समाप्त कर दी है, यानी अब किसी व्यावसायिक भूखंड के कुल क्षेत्रफल में से सेटबैक छोड़ने के बाद जमीन पर 100 प्रतिशत निर्माण हो सकेगा। अभी तक यह सीमा अधिकतम 75 प्रतिशत थी।
कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगाई। राज्य में स्पेशल टाउनशिप विकसित कर नियोजित विकास के लिए उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम में संशोधन को मंजूरी दी गई। वहीं राज्य के शहरी क्षेत्र में योजनाबद्ध विकास के लिए बिना अड़चन भूमि प्राप्त करने को उत्तराखंड लैंड पूलिंग योजना में बदलाव को स्वीकृति दी गई।
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को व्यावहारिक बनाने व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको-रिजोर्ट की तरह रिसार्ट निर्माण के लिए भी भू-उपयोग परिवर्तन की बाध्यता समाप्त की गई। अब कृषि भूमि पर ही रिसार्ट का निर्माण हो सकेगा। रिसार्ट निर्माण के लिए पहुंच मार्ग की चौड़ाई के मानकों में भी राहत दी गई है। पर्वतीय क्षेत्र के लिए इसे छह मीटर व मैदानी क्षेत्र के लिए नौ मीटर कर दिया गया है।
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के तहत मार्गों की चौड़ाई, व्यावसायिक भवनों के लिए सेटबैक, भू-आच्छादन व फ्लोर एरिया रेशियो सहित होटल की ऊंचाई, रिजोर्ट व ईको-रिजोर्ट के लिए भू-आच्छादन , पहुंच मार्ग, पार्किंग में स्टिल्ट की ऊंचाई के प्रावधानों में संशोधन कर छूट दी गई है।
राज्य में नए भवनों के निर्माण में ग्रीन बिल्डिग मानकों को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो देने का कैबिनेट ने अनुमोदन किया। ग्रीन बिल्डिंग-हरित निर्माण के लिए गोल्ड, सिल्वर व प्लेटिनम आधारित व्यवस्था बनाई गई है। इसके अनुसार से तीन प्रतिशत तक अतिरिक्त एफएआर प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना है। नवीन भवनों में शीत छत व हरित छत एवं नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का भी प्रविधान किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ी शैली के मकान बनाने पर अतिरिक्त एफएआर दिया जाएगा।

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