हाथियों के झुंड ने रोड की क्रास, दिल्ली यमुनोत्री हाईवे पर थमा गया ट्रैफिक
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हाथियों के झुंड ने दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे को पार किया, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हाथियों को सुरक्षित जंगल में वापस भेजा, जिसके बाद यातायात सामान्य हो पाया। हाथियों के अचानक सड़क पर आने से अफरा-तफरी मच गई थी।

लोगों ने रोड क्रास करते हाथियों को कैमरों में किया कैद. Jagran
जागरण संवाददाता, विकासनगर। कालसी वन प्रभाग की तिमली के आरक्षित वन क्षेत्र से हाथियों के झुंड ने रोड क्रास की। जिस कारण दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर तिमली जंगल में आधा घंटे तक ट्रेफिक थमा रहा। वन विभाग की टीम ने वाहनों की लाइटें बंद कराई। लोगों ने रोड क्रास करते हाथियों को कैमरों में कैद किया। हाथियों ने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया और मस्ती में चलते हुए रोड क्रास करने के बाद यातायात सुचारू हुआ।
तिमली के आरक्षित वन क्षेत्र में करीब 20 हाथी हैं, जिसमें कुछ नन्हें हाथी भी हैं। हाथियों का मूवमेंट बदलता रहता है। कभी पानी की तलाश में तो कभी किसी और वजह से। कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज का जंगल हाथियों को इतना भा गया है, यहां पर पहले दो हाथी आए थे, जिसकी संख्या बढ़कर अब 20 हो गई है। तिमली रेंज के जंगल से धौला तप्पड़, कुल्हाल, मटक माजरी, कुंजा, कुंजाग्रांट, आदूवाला, जुडली, धर्मावाला, तिपरपुर, तिमली, चीड़ीभेली, जाटोवाला, प्रतीतपुर, सभावाला आदि डेढ दर्जन से अधिक गांव बसे हैं।
हाथी कभी धौला बीट में यमुना में खूब मस्ती करते दिखाई देते हैं तो कभी बिनौल में पहुंच जाते हैं। कभी तिमली गांव में आम के बगीचों में पेड़ों की डालियां तोड़ते नजर आते हैं। सुबह व शाम को हाथी के लगातार बदलते मूवमेंट के कारण यह डर भी लगातार बना रहता है कि कहीं हाथी जंगल से सटे गांवों की आबादी क्षेत्र में न आ जाएं। जिसको देखते हुए रेंजर ने एक गाड़ी हाथियों के मूवमेंट को चेक करने के लिए लगाई है।
हाथियों के दल में कई छोटे हाथी भी हैं, जो मादा के साथ साथ रहते हैं। हालांकि तिमली जंगल के हाथी ज्यादा आक्रामक नहीं हैं, क्योंकि हाथी के हमले की आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हाथियों ने जंगल में घुसे ग्रामीणों को डराकर भगाने का काम ही किया है। दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन हाथी रोड क्रास करने के चक्कर में यातायात को रोकते रहते हैं।
हाथियों के झुंड से पहले एक हाथी रोड किनारे आकर पहले स्थिति को भांपता है। यदि ट्रेफिक ज्यादा होता है तो वापस जंगल में चला जाता है, यह क्रम कई बार दोहराता है। गजराज का झुंड सड़क पार करने के लिए बहुत देर तक प्रतीक्षा करता रहा। झुंड का एक हाथी बार-बार सड़क तक आता और सड़क पर चलता ट्रैफिक देखकर खतरे को भांपते हुए वापस पीछे हो जाता। अंत में वन टीम ने आकर दोनों तरफ का ट्रैफिक रुकवाया। वाहनों की लाइटें बंद कराई गई। उसके बाद हाथियों के झुंड ने रोड क्रास की, तब जाकर ट्रेफिक सुचारू हुआ।
रेंजर तिमली पंकज ध्यानी के अनुसार हाथियों के झुंड द्वारा रोड क्रास करने के चलते ट्रेफिक बाधित रहा। झुंड में शामिल छोटे बड़े करीब बीस हाथियों के सड़क क्रास करने के बाद ही यातायात सुचारू हो सका।

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