विदेशी सरजमीं से पहली बार अपराधी को पकड़ लाई उत्तराखंड पुलिस, लंबीप्लानिंग के बाद दिया कार्रवाई को अंजाम
उत्तराखंड पुलिस ने पहली बार किसी अपराधी को विदेशी सरजमीं से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई लंबी प्लानिंग और अंतरराष्ट्रीय समन्वय का परिणाम है। इस सफलता से उत्तराखंड पुलिस की अपराध नियंत्रण के प्रति प्रतिबद्धता और कार्यकुशलता का पता चलता है।

आरोपित को लाने के लिए एक महीने हुई एक्सरसाइज, टीम के स्पेशल वाइट पासपोर्ट बनाए गए. Concept Photo
सोबन सिंह गुसांई, जागरण देहरादून। उत्तराखंड पुलिस ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को अंजाम देते हुए इतिहास रच दिया है। पहली बार राज्य की पुलिस किसी अपराधी को विदेशी धरती से पकड़कर लाई है। इस सफल आपरेशन ने न केवल पुलिस की क्षमता और जुझारूपन को साबित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि अब भगोड़े अपराधी विदेश में छिपकर भी खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकते।
आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में नामजद जगदीश पुनेठा करोड़ों रुपये लेकर वर्ष 2021 में वर्क परमिट पर दुबई चला गया। वहां उसने कपड़ों का व्यापार शुरू किया। आरोपित का पासपोर्ट 26 नवंबर को समाप्त हो रहा था, ऐसे में उसके सामने आत्मसमर्पण के अलावा कोई चारा नहीं बचा। वहीं सीबीसीआइडी ने सीबीआइ से समन्वय बनाकर रेड कार्नर नोटिस भी जारी करवा दिया। दुबई पुलिस ने जगदीश पुनेठा को सितंबर अंतिम सप्ताह में गिरफ्तार कर मंत्रालय के माध्यम से सूचित किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने आरोपित को भारत लाने के लिए शासन को पत्राचार किया।
शासन ने विदेश मंत्रालय से समन्वय बनाकर आबुधाबी से संपर्क किया। एक महीने चली एक्सरसाइज के बाद एक टीम गठित की गई, जिसमें मनोज कुमार ठाकुर, अपर पुलिस अधीक्षक, सीबीसीआइडी देहरादून (टीम लीडर), ललित मोहन जोशी, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली पिथौरागढ़ व सतीश कुमार शर्मा, निरीक्षक, एएनटीएफ पिथौरागढ़ के स्पेशल पासपोर्ट बनाए गए। शुक्रवार को टीम आरोपित को उत्तराखंड लेकर आई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई बेहद चुनौतीपूर्ण
डीजीपी दीपम सेठ ने इस मिशन को राज्य पुलिस की ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की कार्रवाई बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि इसमें कई देशों के कानून, सुरक्षा प्रोटोकाल और सहयोग तंत्र को समझना पड़ता है। यह उपलब्धि साबित करती है कि उत्तराखंड पुलिस अब न केवल राज्य स्तर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी जटिल आपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देने की क्षमता रखती है।
विदेश में बैठे अपराधियों को भी दिया कड़ा संदेश
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी अन्य फरार अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है। अब यदि कोई आरोपित सीमाओं से बाहर भी चला जाए, तो वह पुलिस की पहुंच से दूर नहीं है। भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर इसी तरह की अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की जाएगी।
गिरोह ने 17.50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की
करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले की विवेचना सीबीसीआइडी, सेक्टर हल्द्वानी की ओर से की जा रही है। विवेचना में पता चला कि जगदीश पुनेठा व उसके सहयोगियों ने लगभग 15.17 करोड़ की धोखाधड़ी की वहीं 2.22 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की। गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध तीन मामले धोखाधड़ी व एक मुकदमा गैंगस्टर के अधीन दर्ज है।

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