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    उत्‍तराखंड में पुलिस की सुस्ती: पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने में लगे ढाई महीने, कोर्ट के आदेश पर हुआ एक्‍शन

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 12:56 PM (IST)

    पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में एक व्यक्ति को ढाई महीने लग गए। पीड़ित ने मारपीट और गैरकानूनी हिरासत का आरोप लगाया था, लेकिन थाने में सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

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    अगस्त महीने में पुलिस ने युवक को ड्रंक एंड ड्राइव में किया था गिरफ्तार. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। पुलिस विभाग में तैनात पुलिसकर्मी के बेटे ने राजपुर क्षेत्र में रात्रि ड्यूटी पर चार पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है कि वह अपनी घर की तरफ जा रहा था, इसी दौरान चार पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की और हवालात में डाल दिया। कोर्ट के आदेश पर अपर उपनिरीक्षक मदन सिंह बिष्ट वर्तमान तैनाती राजपुर थाना, दारोगा मुकेश नेगी वर्तमान तैनाती नेहरू कालोनी सहित पीएसी के जवान नवीन चंद्र जोशी व परविंदर के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    शिकायतकर्ता कुनाल चौधरी निवासी राजपुर ने बताया कि 06 अगस्त की रात करीब 11:30 बजे वह थार वाहन से मसूरी डाइवर्जन रोड से गुजर रहा था। कार में उसके साथ दो अन्य दोस्त चैतन्य (उर्फ किट्टी) एवं समीर भी बैठे थे। जब कार मसूरी डाइवर्जन रोड स्थित चेक पोस्ट से गुजर रही थी तब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कार रोक दी और पूछताछ की। पुलिस ने पूछा कि क्या आपने शराब पी रखी है तो शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके साथ बैठे दोनों ने बीयर पी है और वह आइसक्रीम खाने निकले थे अब घर लौट रहे हैं। पुलिसकर्मी ने एल्कोमीटर से परीक्षण करने का प्रयास किया लेकिन यंत्र काम नहीं कर रहा था। पुलिसकर्मी ने खुद ही मैनुअली रिपोर्ट बनाते हुए चालान की पर्ची थमा दी, जोकि पूर्ण रूप से गलत थी।

    शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उसने गलत चालान पर्ची काटने पर आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों ने मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। उस समय वहां 6-7 पुलिसकर्मी मौजूद थे। यह सुनकर वह डर के कारण कैनाल रोड की ओर भागा, लेकिन भागते हुए फिसल कर गिर पड़ा। तब पुलिसकर्मियों ने उसे जमीन पर लिटाकर बुरी तरह पैरों से, लात-घूंसों से बंदूक के बट से एवं लाठी डंडों से मारा, जिससे उसके शरीर पर काफी चोटें आई। इसी बीच, चैतन्य उर्फ किट्टी उसे बचाने आया तो पुलिसकर्मियों ने उसके साथ भी मारपीट की। तब चैतन्य उर्फ किट्टी अपनी जान बचाने के लिए भागकर गली में छुप गया और उसने फोन करके उसकी मां विजय चौधरी को सूचना दी। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे अर्द्धबेहोशी की हालत में थाने ले गए और लाकअप में डाल दिया।

    शिकायतकर्ता ने बताया कि देर रात करीब एक बजे उसकी माता विजय चौधरी तथा परिवार के अन्य सदस्य थाना राजपुर पहुंचे और उसकी लाकअप में बंद की वीडियो बनाई। इसके साथ ही उसके शरीर पर आई चोटों की फोटोग्राफ मोबाइल फोन से ली। 07 अगस्त को उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। पीड़ित के अनुसार उसके माता व पिता दोनों पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे में वह एसएसपी से मिले। एसएसपी ने प्रकरण की जांच एसपी सिटी को सौंप दी। एसपी सिटी ने 08 अगस्त को रात्रि डयूटी पर तैनात थाना राजपुर के पुलिसकर्मियों को भी बयान के लिए बुलाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। 11 अगस्त को पुलिस महानिदेशक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक प्रार्थना पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए दिया किया गया,लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।