Uttarakhand News: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह बोले, विरासत महोत्सव हमारी जड़ों और परंपराओं का प्रतीक
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि विरासत महोत्सव हमारी जड़ों और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने इसे सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। राज्यपाल ने युवाओं से संस्कृति और परंपराओं को जानने और बढ़ावा देने का आग्रह किया, ताकि वे अपनी पहचान बनाए रख सकें।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) राजभवन में रीच संस्था की वार्षिक विरासत पत्रिका का विमोचन करते हुए। सूवि
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से राजभवन में मंगलवार को रीच संस्था के पदाधिकारियों ने भेंटकर देहरादून में प्रतिवर्ष होने वाले विरासत महोत्सव के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। बताया कि वर्ष 1995 से लगातार आयोजित किया जा रहा यह प्रतिष्ठित महोत्सव 30 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर चुका है।
संस्था ने अवगत कराया कि महोत्सव में देश-विदेश से कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। साथ ही महोत्सव के संचालन, प्रबंधन और वर्तमान चुनौतियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की गई।
राज्यपाल ने कहा कि विरासत जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, हमारी संस्कृति, जड़ों और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने लगभग तीस वर्षों से निरंतर हो रहे इस आयोजन के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े सांस्कृतिक आयोजनों की निरंतरता के लिए वित्तीय सुदृढ़ता अत्यंत आवश्यक है।
इसके लिए सीएसआर, उद्यमियों और सरकारी संस्थानों से सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि ओएनजीसी समेत अन्य बड़े संस्थान भी सहयोगी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महोत्सव में युवाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि वे अपनी संस्कृति और विरासत से गहराई से जुड़ सकें।
राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह अपने स्तर से महोत्सव के सुचारू आयोजन में हर संभव सहयोग देंगे। उन्होंने रीच संस्था की वार्षिक विरासत पत्रिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर संस्था के महासचिव आरके सिंह, हेमंत अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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