अगर बच्चे हैं सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त और बुखार से परेशान, रखें डाक्टर की इन बातों का ध्यान

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मौसम के बदलाव ने बच्चों की सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया है। ठंड बढ़ने से बच्चों में कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं।
20-140 पहुंच रही ओपीडी
बच्चों को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत आ रही है। राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के बाल रोग विभाग में सामान्य दिनों में जहां ओपीडी 60-80 होती थी, इन दिनों संख्या 120-140 पहुंच रही है।
रात में तापमान काफी कम
चिकित्सकों का कहना है कि दिन के मुकाबले रात में तापमान काफी गिर रहा है। शरीर को अनुकूलन में कठिनाई हो रही है, इसका असर खासकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक पड़ रहा है।
- अस्पताल के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार के अनुसार, ओपीडी सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुनी चल रही है।
आ रही सर्दी-जुकाम की शिकायत
सोमवार से बुधवार को बच्चों को लेकर अभिभावक अधिक संख्या में पहुंचते हैं। दूसरे बच्चे को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और वायरल संक्रमण, खाना न खाने की शिकायत, उल्टी, दस्त की शिकायत आ रही है।
इम्युनिटी सिस्टम है कमजोर
बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने से उन पर इसका असर ज्यादा होता है। ऐसे समय में जरूरी है कि मौसम के अनुरूप कपड़े पहनाएं, बाहर कम निकलें और शीतल पेय व जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।
प्रदूषण का असर अधिक
जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार का कहना है कि दिन-रात के तापमान में अंतर बढ़ता जा रहा है। सर्दियों में प्रदूषण का असर अधिक रहता है।
दूषित हवा से ज्यादा खतरा
ओस और नमी के कारण दूषित धूलकण नीचे आ जाते हैं, जिससे वातावरण को दूषित करते हैं। इस दूषित हवा से बच्चों में सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
- इसमें बच्चों में सर्दी-जुकाम, खांसी के साथ सिर में दर्द की शिकायत रहती है।
- इस मौसम में पाचन, त्वचा, सांस संबंधी बीमारियां पनपती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- सुबह-शाम अधिक ठंड है, ऐसे में बच्चे को पर्याप्त कपड़े पहनाएं।
- बाहर के खाने को मना करें और घर पर ही सादा व पौष्टिक खाना खिलाएं।
- जितना हो सके बच्चे को गुनगुना पानी का सेवन कराएं और पर्याप्त आराम कराएं।
- विटामिन सी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
- बच्चों को सर्दी-जुकाम से बचाने के लिए उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखे।
- नियमित रूप से हाथ धोना सिखाएं और उनके कपड़े व आसपास की जगह साफ रखें।
- तरल पदार्थ जैसे गर्म सूप और पानी दें, गर्म पानी के भाप अथवा ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
- सर्दी-खांसी, जुकाम या डायरिया की शिकायत होने पर शीघ्र नजदीकी अस्पताल में उपचार कराएं।
- यदि वायरल संबंधी समस्या है, तो चिकित्सक के परामर्श के बाद ही दवा लें।
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