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    देहरादून में नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर 'दबंगों' की गिद्ध नजर, बोर्ड उखाड़कर दोबारा कब्जे की कोशिश

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 12:53 PM (IST)

    देहरादून में नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर भूमाफिया की नज़र है। सहस्रधारा रोड के पास निगम की जमीन पर कब्जे की कोशिशें जारी हैं। निगम ने बोर्ड लगाकर चेतावनी दी है पर माफिया बाज नहीं आ रहे। एलिविटेड रोड से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए चिह्नित जमीन पर भी कब्जे की कोशिश की जा रही है। कब्जे करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

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    सहस्रधारा रोड से सटी जमीनों से निगम का बोर्ड उखाड़कर दोबारा कब्जे की कोशिश. Concept

    विजय जोशी, जागरण देहरादून। नगर निगम की जमीनों पर भूमाफिया गिद्ध दृष्टि बनाए बैठे हैं। करोड़ों रुपये की कीमती जमीनों पर कब्जे की कोशिशें लगातार जारी हैं। सहस्रधारा रोड से सटे इलाकों में कुछ लोग निगम की जमीनें कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं।

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    कई बार कार्रवाई और बोर्ड लगाने के बावजूद माफिया फिर से कब्जे की जुगत में लग जाते हैं। नगर निगम के बोर्ड उखाड़कर जमीनों को खुर्दबुर्द करने का प्रयास किया जा रहा है। अब नगर निगम ने ऐसे लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है।

    सूत्रों के अनुसार, सहस्रधारा रोड से सटे वार्डों में बड़े पैमाने पर अवस्थित सरकारी भूमि को ठिकाने लगाने के लिए संगठित तौर पर षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। इस पूरे खेल में नगर निगम के भूमि अनुभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जब कब्जा होता है तो निगम की टीम मौके पर नहीं होती और जब स्थानीय लोग शिकायत करते हैं, तब जाकर कार्रवाई की जाती है।

    हालांकि, नगर निगम बीते कुछ समय से अपनी जमीनों पर तारबाड़ करने का दावा कर रहा है और स्वामित्व का बोर्ड भी लगाया जा रहा है। इसके बावजूद भूमाफिया के हौसले पस्त नहीं हो रहे हैं। बल्कि, रातोंरात निगम का बोर्ड उखाड़कर फेंक दिया जाता है और कब्जे के प्रयास शुरू हो जाते हैं। निगम सूत्रों का कहना है कि भूमाफिया अक्सर सरकारी छुट्टियों का फायदा उठाते हैं।

    जब विभागीय अधिकारी अवकाश पर होते हैं, तब कब्जे की कोशिशें तेज हो जाती हैं। कई मामलों में दो से तीन दिन की छुट्टी के दौरान जमीन पर निर्माण तक शुरू कर दिया जाता है। हाल ही में हुए सरकारी अवकाशों में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

    बोर्ड उखाड़ा, निगम ने दोबारा लगाया स्वामित्व बोर्ड

    डांडा लखौंड बेल्ट में हाल ही में निगम की जमीन पर कब्जे की कोशिश हुई। भूमाफिया ने निगम द्वारा लगाया स्वामित्व बोर्ड तक उखाड़ फेंका। इससे पहले भी निगम ने इस जमीन को कब्जामुक्त कराया था। सोमवार को निगम की टीम मौके पर पहुंची और अवैध कब्जा हटाकर फिर से बोर्ड लगाया। सवाल यह है कि या तो माफिया बहुत ताकतवर है या निगम की व्यवस्था कमजोर।

    एलिवेटेड रोड प्रभावितों के लिए चिह्नित जमीन पर कब्जे की कोशिश

    सहस्रधारा रोड के आइटी पार्क से सटे डांडा लखौंड क्षेत्र में नगर निगम और राज्य सरकार की लगभग चार से छह बीघा जमीन खाली है। यह जमीन रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए चिह्नित की गई है। मगर, इस क्षेत्र में भी माफिया ने कब्जे की कोशिशें शुरू कर दी हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कब्जा किस हिस्से में हुआ है, लेकिन निगम ने एहतियातन कार्रवाई शुरू कर दी है।

    भूमि पर बाउंड्रीवाल करने की योजना ठंडे बस्ते में

    नगर निगम की कई जमीनें खाली हैं, लेकिन उनकी घेराबंदी नहीं की गई है। भूमि अनुभाग कब्जा हटाने के बाद निर्माण अनुभाग को तारबाड़ या चहारदीवारी का प्रस्ताव भेजता है, मगर वहां से कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी रहती है। इस कारण कई बार कब्जा हटाने के बावजूद जमीन पर दोबारा निर्माण शुरू हो जाता है। करीब डेढ़ वर्ष से भूमि के चारों ओर बाउंड्रीवाल करने की योजना ठंडे बस्ते में है।

    निगम की जमीनों पर किसी भी तरह का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक-एक इंच जमीन अगर कब्जे में होगी तो छुड़वाई जाएगी। माफिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। निगम की खाली जमीनों पर चहारदीवारी कराने की कार्ययोजना बनाकर जल्द काम शुरू किया जाएगा। निगम के कार्मिकों की संलिप्तता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - सौरभ थपलियाल, महापौर