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    देहरादून में फैली आंखों की खतरनाक बीमार, ध्‍यान नहीं दिया तो जा सकती है रोशनी

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 04:20 PM (IST)

    दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में हरपीज जास्टर ऑप्थैल्मिकस के मरीज बढ़ रहे हैं। यह संक्रमण आंख की नसों पर हमला करता है और समय पर इलाज न होने पर रोशनी जा सकती है। मानसून में आंखों के संक्रमण जैसे कंजेक्टिवाइटिस और कार्नियल अल्सर का खतरा भी बढ़ जाता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और आंखों को बार-बार छूने से बचने की सलाह देते हैं।

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    नेत्र रोग विशेषज्ञों ने दी हाइजीन पर ध्यान देने की सलाह. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की नेत्र रोग ओपीडी में इन दिनों हरपीज जास्टर आफ्थैल्मिकस से पीड़ित मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। यह संक्रमण शिंगल्स का ही गंभीर रूप है, जिसमें वायरस आंख की नसों पर हमला करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो मरीज की आंख की रोशनी तक जा सकती है।

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    नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर डा. सुशील ओझा ने बताया कि यह बीमारी शुरुआत में माथे, पलकों और नाक के ऊपरी हिस्से पर दर्दनाक फफोलों के रूप में दिखती है। बाद में यह संक्रमण आंख तक पहुंचकर लालिमा, कार्निया में सूजन, घाव और धुंधलापन पैदा करता है। नाक की नोक पर दाने निकलना कार्निया प्रभावित होने का संकेत माना जाता है।

    लक्षण

    • माथे व पलकों पर फफोले और तेज दर्द
    • आंखों में जलन, लाली और धुंधलापन
    • कार्निया में सूजन या घाव
    • गंभीर संक्रमण में दृष्टि हानि

    बचाव

    डा. ओझा ने कहा कि संक्रमण की शुरुआती अवस्था में एंटीवायरल दवाएं शुरू कर दी जाएं तो स्थिति संभाली जा सकती है। उन्होंने लोगों को मानसून में व्यक्तिगत स्वच्छता पर जोर देने, आंखों को बार-बार छूने से बचने और तौलिया-रूमाल साझा न करने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने कहा कि शिंगल्स का टीका लगवाकर काफी हद तक इस बीमारी से बचाव संभव है।

    आंखों में है संक्रमण तो हल्के में मत लें

    वर्षा के दिनों में आंख का संक्रमण हर किसी के लिए समस्या बन जाता है। आंख में होने वाले सामान्य रोगों में कंजेक्टिवाइटिस (आंख आना), आई स्टाई (पलक में फुंसी) होना, ड्राई आइज, कार्नियल अल्सर और नेत्र संक्रमण का खतरा सर्वाधिक रहता है।

    डा. ओझा ने कहा कि बदलते मौसम में संक्रमण के कारण इस प्रकार की समस्या होती हैं। इसमें लुब्रिकेट डालने से आप संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही आंख को संक्रमण से बचाने के लिए आंख का सफाई का ध्यान रखें। आंख को छूने से पहले हाथ को अच्छे से साफ करें।

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