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    सेब महोत्सव 2.0: नाबार्ड की पहल से किसान और ग्राहक हुए करीब, अन्‍नदाता को मिला सीधा बाजार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 10:49 AM (IST)

    देहरादून के आईटी पार्क में नाबार्ड द्वारा 'सेब महोत्सव 2.0' का आयोजन किया गया। इसमें हर्षिल घाटी के सेब, कपकोट की कीवी और अन्य पहाड़ी उत्पाद प्रदर्शित किए गए। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इसे किसानों की मेहनत का उत्सव बताया। नाबार्ड किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। महोत्सव में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया गया और किसानों को ग्राहकों से सीधे जुड़ने का अवसर मिला।

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    हर्षिल घाटी के सेब, कपकोट के कीवी और स्थानीय पहाड़ी उत्पाद प्रदर्शित. Concept Photo

     

    जागरण संवाददाता, देहरादून। नाबार्ड उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आइटी पार्क में दो दिवसीय ‘सेब महोत्सव 2.0’ का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में हर्षिल घाटी के ए-ग्रेड सेब (रायल, रेड और गोल्डन डिलीशियस), कपकोट की कीवी, जूस, अचार, हथकरघा उत्पाद, अखरोट, राजमा और जड़ी-बूटियां आम जनता के लिए प्रदर्शित और बिक्री के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव ने किया।

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    जोशी ने कहा कि सेब महोत्सव उत्तराखंड के सेब उत्पादकों की मेहनत, नवाचार और कृषि उद्यमिता का उत्सव है। यह पर्वतीय राज्य की कृषि क्षमता और किसानों की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आगामी महोत्सव में कृषि एवं उद्यान के अन्य उत्पादों को भी शामिल किया जाए। इस प्रकार के कार्यक्रम आम जनता को सीधे किसानों से जुड़ने का अवसर देते हैं। इससे किसानों की आय में सीधे वृद्धि होती है और उनका उत्पाद सही मूल्य पर बिकता है।

    नाबार्ड की यह पहल किसानों और ग्रामीण उत्पादक संगठनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि बैंक किसानों, स्वयं सहायता समूहों और कृषक उत्पादक संगठनों को वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम किसानों और महिलाओं को सीधे ग्राहक से जोड़ने, उनके उत्पाद को सही मूल्य दिलाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मददगार साबित होते हैं।

    महोत्सव में किसानों के उत्पादों को मोबाइल मार्ट के माध्यम से बिक्री के लिए प्रस्तुत किया गया और सभी क्रय-विक्रय डिजिटल भुगतान के जरिए किए गए। इसके अलावा, नाबार्ड और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के बीच किसानों को वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। बताया गया कि भविष्य में इस महोत्सव को और व्यापक और भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसानों को अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का अवसर मिल सके।

    किसानों ने भी कहा कि इस तरह के मंच से उन्हें अपने उत्पाद के लिए उचित मूल्य मिलने और अपने उत्पाद का सीधे विपणन करने का अवसर मिलता है। उद्घाटन समारोह में नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, केनरा बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।