नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग के सामने पेश हुए डीएम और एसएसपी, ये है पूरा मामला
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर विवाद जारी है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने जांच कमेटी गठित की है। डीएम वंदना एसएसपी पीएन मीणा पांच जिला पंचायत सदस्य और याचिकाकर्ता पूनम बिष्ट कमेटी के सामने पेश हुए। कांग्रेस ने सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाया था जबकि सदस्यों ने अपहरण से इनकार किया। कमेटी सभी पक्षों की जांच कर नैनीताल हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को नैनीताल की डीएम वंदना, एसएसपी पीएन मीणा, पांच जिला पंचायत सदस्य के अलावा याचिकाकर्ता पूनम बिष्ट राज्य निर्वाचन आयोग की जांच कमेटी के समक्ष पेश हुईं। आयोग के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान कोंग्रेस ने जिला पंचायत के पांच सदस्यों के अपहरण कर मतदान को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक कमेटी गठित करके मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी में आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल, संयुक्त सचिव कमलेश मेहता शामिल हैं। कमेटी ने सभी पक्षों को कमेटी ने सभी पक्षों को तलब किया था।
इसी क्रम में शुक्रवार को दोपहर नैनीताल के जिलाधिकारी अधीक्षक, एसएसपी और लापता होने को लेकर चर्चा में आए पांचों जिला पंचायत सदस्य प्रमोद सिंह, तरुण कुमार, दीपक बिष्ट, डिकर मेवाड़ी और विपिन सिंह के अलाव याचिकाकर्ता पूनम बिष्ट कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखा।
सूत्रों ने बताया कि जांच कमेटी ने डीएम और एसएसपी से उस दिन के घटनाक्रम का पूरा लिया। साथ ही जिला पंचायत सदस्यों से पूछा कि उस दिन वह मतदान के लिए क्यों नहीं पहुंचे, इस पर पांचों सदस्यों ने दोहराया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था, वह अपनी इच्छा से घूमने चले गए थे।
आयोग के सूत्रों ने इन सभी के पेश होने की पुष्टि की, लेकिन अधिकृत तौर पर इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया। बताया जा रहा है कि आयोग इन सभी के पक्ष और अपने स्तर पर की गई जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके नैनीताल हाई कोर्ट में दाखिल करेगा। सुनवाई शाम दोपहर साढ़े बारह बजे से शाम करीब पांच बजे तक चली।
मतदान के लिए नहीं पहुंचे थे पांच सदस्य
गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए होने वाले दिन ये पांच सदस्य मतदान के लिए नहीं पहुंचे थे। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इनका अपहरण कर लिया गया है। हालांकि उसके बाद इन सभी सदस्यों ने इंटरनेट पर वीडियो प्रसारित करके कहा था कि उनका अपहरण नहीं किया गया था, बल्कि वह अपनी इच्छा से घूमने के लिए गए थे।
इस बीच वे हाई कोर्ट भी पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने इन्हें सुनने से इनकार कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे।
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