नर्सिंग बेरोजगार प्रदर्शन, समर्थन देने पहुंचे हरक सिंह रावत को पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तराखंड में नर्सिंग बेरोजगारों का प्रदर्शन जारी है। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, जो प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने पहुंचे थे, को पुलिस ने गिरफ्तार कर ...और पढ़ें

समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने भी गिरफ्तारी दी। Jagran
जागरण संवाददाता, देहरादून : राज्य में नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को वर्षवार करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ती दिख रही है। शुक्रवार को परेड ग्राउंड में बेमियादी धरने के लिए पहुंचे बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों को पुलिस ने अलग-अलग समूहों में हिरासत में लेकर एकता विहार धरना स्थल भेज दिया।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मंच के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं को घसीटकर वाहन तक ले जाया, जिससे माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया। वहीं, बेरोजगारों को समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने भी गिरफ्तारी दी। कहा, भर्ती वर्षवार जारी की जाए।
नर्सिंग एकता मंच के आह्वान पर देहरादून, कोटद्वार, उत्तरकाशी, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ समेत विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी परेड ग्राउंड पहुंचे थे। कार्यक्रम को भांपते हुए पुलिस ने सुबह से ही परेड ग्राउंड के आसपास बैरिकेडिंग कर दी थी।
जैसे ही कोई समूह नारेबाजी करते हुए परिसर की ओर बढ़ता, पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर एकता विहार धरना स्थल भेजती रही। मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने आरोप लगाया कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में कई अभ्यर्थियों की आयु सीमा समाप्त हो गई या समाप्ति के करीब है। ऐसे में बिना वर्षवार भर्ती के हजारों नर्सिंग अधिकारी हक से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में 690 नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन आयोग ने जो विज्ञप्ति जारी की है, उसे परीक्षा के माध्यम से लागू करना पूरी तरह अनुचित है और इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए।
पुंडीर ने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में संगठन ने 134 दिनों तक एकता विहार में धरना दिया था, जिसके बाद सरकार ने तीन हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया की घोषणा की थी। बावजूद इसके, आज तक विभागीय स्तर पर समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है।
पुलिस की कार्रवाई अन्यायपूर्ण : कुकरेती
मंच के सचिव राजेंद्र कुकरेती ने पुलिस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत परेड ग्राउंड में शांतिपूर्ण धरना दिया जाना था, लेकिन पुलिस ने किसी को वहां पहुंचने ही नहीं दिया।
एकता विहार धरना स्थल पर कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी रहीं। पिथौरागढ़ की मनीषा अपने चार साल की बेटी और डेढ़ साल के बेटे के साथ, अल्मोड़ा की हंसी मेहरा एक साल के बच्चे के साथ, जबकि हल्द्वानी की राखी 10 साल की बेटी संग धरने पर डटी रहीं।
उन्होंने कहा कि जब तक वर्षवार भर्ती बहाल नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर मंच के संरक्षक विकास पुंडीर, उपाध्यक्ष सरिता जोशी, अनिल रमोला, प्रवेश रावत, अंबिका गौड़, सुभाष रावत, मधु उनियाल, स्तुति सती, प्रदीप बिष्ट, अमन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड की माता-बहनों के संघर्ष के लिए हुआ मेरा जन्म : हरक
इधर, बेरोजगारों के समर्थन में पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत ने भी नारेबाजी करते हुए गिरफ्तारी दी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि “जिसकी कोई आवाज नहीं होती, उसकी आवाज बनकर मैं संघर्ष करूंगा।
मेरा जन्म ही उत्तराखंड के बेटों-बेटियों, माताओं-बहनों के संघर्ष के लिए हुआ है।” उन्होंने कहा कि कोविड काल में जिन नर्सिंग अधिकारियों ने जान जोखिम में डालकर सेवा दी, आज वही सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है।
रावत ने स्पष्ट कहा कि सरकार को वर्षवार भर्ती लागू करनी चाहिए और पुलिस के जरिए शांतिपूर्ण आंदोलन दबाने की कोशिश स्वीकार्य नहीं है।
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