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    केंद्र में राष्ट्रपति सम्मान शिक्षक को मान, उत्तराखंड अधिकारियों पर मेहरबान

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:08 AM (IST)

    एनसीईआरटी ने पीएम ई-विद्या योजना के तहत पाठ्यक्रम को ऑनलाइन करने का जिम्मा शिक्षा विभाग को सौंपा है लेकिन उत्तराखंड में अधिकारियों की तैनाती पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञ शिक्षकों की जगह अधिकारियों को पद दिए गए हैं जिससे योजना की प्रभावशीलता पर चिंता जताई जा रही है। दूरदराज के छात्रों को घर बैठे शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य है लेकिन बिजली की समस्या एक चुनौती बनी हुई है।

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    राज्य का पीएम ई विद्या केंद्र एक कमरे में संचालित किया जा रहा है। जागरण

    अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून। महंगी कोचिंग से लाखों गरीब अभिभावकों को निजात दिलाने के लिए एनसीईआरटी ने पीएम ई-विद्या योजना प्रारंभ की है, ताकि घर बैठे स्कूली छात्र टेलीविजन, मोबाइल या यूट्यूब जैसे माध्यमों से अपने समस्त विषयों की पढ़ाई कर सकें। बालवाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के समस्त पाठ्यक्रम को आनलाइन करने का जिम्मा एनसीईआरटी ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को सौंपा है।

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    इन विषयों का आडियो पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विशेषज्ञ शिक्षक और सूचना प्रौद्योगिकी में दक्ष कार्मिकों की सेवाएं ली जा रही हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) खुद राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित श्रेष्ठ शिक्षकों से अलग-अलग विषयों की मदद ले रहा है, लेकिन उत्तराखंड में इस महत्वपूर्ण योजना में भी नौकरशाही हावी है।

    उत्तराखंड के पीएम ई-विद्या प्रकोष्ठ में विशेषज्ञ शिक्षकाें के बजाय अधिकारियों के पद सृजित किए गए हैं। जबकि राज्य में भी राष्ट्रपति सम्मानित एवं राज्य स्तरीय शैलेश मटियानी राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक हैं।

    राज्य का पीएम ई-विद्या केंद्र एक कमरे में संचालित किया जा रहा है। नीति निर्धारकों की चिंता बेहतर ई-पाठ्यक्रम को उपयोगी बनाने में कम, प्रकोष्ठ में अधिकारियों को समायोजित करने में अधिक दिखाई दे रही है।

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    दूरदराज के नौनिहालों को गणित अंग्रेजी की शिक्षा देने का लक्ष्य

    एससीईआरटी की मंशा है कि दूरदराज के ग्रामीण नौनिहाल घर बैठे टीवी के माध्यम से गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और अन्य विषयों की पढ़ाई कर सकेंगे। वर्तमान में पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के अंतर्गत पांच फ्री डीडी चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है। हालांकि चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग से दूरदराज के जनपदों में अक्सर विद्युत आपूर्ति बाधित रहना भी बच्चों के लिए चुनौती से कम नहीं है।

    सरकार ने इन पदों को भरने की मंजूरी दी

    पीएम ई-विद्या के प्रभावी संचालन के नाम पर एससीईआरटी ने एक सुव्यवस्थित स्टूडियो स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही आठ पद सृजित किए जाएंगे, जिनमें संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक, प्रवक्ता / चैनल समन्वयक, स्टूडियो इंजीनियर, स्टूडियो तकनीकी सहायक, कंप्यूटर आपरेटर और एमटीएस/ चतुर्थ श्रेणी (आउटसोर्स) शामिल हैं। वर्तमान में चार प्रवक्ता ई विद्या का सफल संचालन कर रहे हैं।

    इस प्रकार होगी कक्षा तीन से 12वीं तक आनलाइन पढ़ाई

    इस प्रकार होगा डीडी के पांच चैनलों का दूरदर्शन पर प्रसारण क्रमांक 178 से 182 तक होगा। चैनल 178 पर कक्षा तीन से पांच तक के लिए सामग्री प्रसारित होगी। चैनल 179 पर कक्षा छह से आठ तक के लिए शैक्षिक कार्यक्रम दिखाए जाएंगे। चैनल 180 पर कक्षा नौ और 10 की पढ़ाई कराई जाएगी, जबकि चैनल 181 और 182 पर कक्षा 11वीं व 12वीं के विज्ञान तथा कला विषयों की कक्षाएं प्रसारित होंगी।

    पीएम ई-विद्या प्रकोष्ठ में अधिकारियों के साथ-साथ विशेषज्ञ शिक्षकों और तकनीकी कार्मिकों को भी रखने की योजना है। अधिकारियों के नियुक्ति से प्रकोष्ठ की मानीटरिंग बेहतर ढंग से हो सकेगी।

    - डा.धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री