केदारनाथ में पीएम मोदी की सौगात, 125 करोड़ की बिजली परियोजना से जगमग होगी केेदारघाटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम को 125 करोड़ रुपये की ऊर्जा संयंत्र पुनर्स्थापना परियोजना की सौगात देंगे। इससे केदारनाथ का बिजली ढांचा आधुनिक और सुरक्षित बनेगा। आरएमयू तकनीक से बिजली आपूर्ति निर्बाध रहेगी, जो आपदा के समय भी निर्बाध बिजली सुनिश्चित करेगी। इस परियोजना से पर्यटन सीजन में लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और केदारनाथ आध्यात्म और आधुनिकता का प्रतीक बनेगा।

परियोजना के तहत केदारनाथ का बिजली ढांचा पूरी तरह से आधुनिक और सुरक्षित रूप में विकसित किया जाएगा। आर्काइव
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में केदारनाथ धाम को एक नई सौगात मिलने जा रही है। पीएम मोदी 125 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ऊर्जा संयंत्र पुनर्स्थापना परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना के तहत केदारनाथ का बिजली ढांचा पूरी तरह से आधुनिक और सुरक्षित रूप में विकसित किया जाएगा। आरएमयू की मदद से खराबी की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद नहीं होगी, क्योंकि सिस्टम अपने आप वैकल्पिक मार्ग से बिजली पहुंचा देगा।
मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ धाम में लगातार चल रहे निर्माण कार्यों के कारण बिजली संयंत्र और आपूर्ति तंत्र पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। कई बार आपूर्ति बाधित होने व तकनीकी समस्याएं आने लगी थीं। इसी को देखते हुए अब पूरे तंत्र को नया स्वरूप दिया जाएगा। पीएम मोदी इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसके अंतर्गत 33,000 वोल्ट लाइन का निर्माण, 33/11 केवी सब-स्टेशन, एक कांपैक्ट सब-स्टेशन और अंडरग्राउंड लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा। विशेष बात यह है कि इस परियोजना में अत्याधुनिक आरएमयू (रिंग मेन यूनिट) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे बिजली आपूर्ति में निरंतरता और स्थायित्व दोनों बढ़ेंगे।
आरएमयू तकनीक बिजली वितरण की एक आधुनिक प्रणाली है, जो बिजली को बिना बाधा एक लाइन से दूसरी लाइन पर ट्रांसफर करने में सक्षम होती है। इससे केदारनाथ जैसे पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्र में बिजली व्यवस्था अधिक विश्वसनीय बन जाएगी।
आरएमयू की मदद से खराबी की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद नहीं होगी, सिस्टम वैकल्पिक मार्ग से बिजली पहुंचा देगा। इससे केदारनाथ धाम में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यह तकनीक पूर्णतः सील्ड और आटोमैटिक होती है, जिससे रखरखाव की जरूरत बहुत कम पड़ती है।
इस परियोजना से न केवल बिजली व्यवस्था सुधरेगी बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय भी आपूर्ति बनी रहेगी। पर्यटन सीजन में लाखों श्रद्धालुओं की जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी। यह पहल केदारनाथ को आध्यात्म और आधुनिकता के संगम का प्रतीक बनाएगी।

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