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    उत्तराखंड में विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनने का सामर्थ्य : मोदी

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 07:26 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर कहा कि राज्य में विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनने की क्षमता है। उन्होंने अगले 25 वर्षों के विकास का रोडमैप पेश करते हुए पर्यटन, जड़ी-बूटी, और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को हर संभव मदद देगी और राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।

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    उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून के एफआरआइ में जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। इंटरनेट मीडिया

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड से विशेष अनुराग रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में राज्य के अगले 25 वर्ष के विकास के रोड मैप को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का असली परिचय उसकी आध्यात्मिक शक्ति है। यदि वह ठान ले तो अगले कुछ ही वर्षों में स्वयं को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित कर सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाईयों को छुएगा और अपनी संस्कृति व पहचान को उसी गर्व के साथ आगे बढ़ाएगा।

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    वन अनुसंधान संस्थान के परिसर में आयोजित रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में गढ़वाली में अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों ने वर्षों तक जो सपना देखा था, वो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 25 साल पहले पूरा हुआ।

    उन्होंने उत्तराखंड के उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपना जीवन न्योछावर कर दिया। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों का वंदन किया। उत्तराखंड से अपने लगाव को दोहराते हुए अपनी आध्यात्मिक यात्रा का उल्लेख किया। साथ ही अपने उन शब्दों को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के समय चुनौतियां कम नहीं थीं। संसाधन सीमित थे। बजट छोटा था, आय के स्रोत बहुत कम थे। ज्यादातर जरूरतें केंद्र की मदद से पूरी होती थीं। आज तस्वीर बदल चुकी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, उद्योग, पर्यटन, स्वास्थ्य, ऊर्जा, ग्रामीण विकास समेत अनेक क्षेत्रों में सफलता की गाथाएं प्रेरित करने वाली हैं। विकास की यह यात्रा अद्भुत रही है। जीवन के हर आयाम में उत्तराखंड ने काफी प्रगति की है। ये बदलाव सबको साथ लेकर चलने की नीति का नतीजा है। उन्हें खुशी है कि डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य को नई दिशा देने में जुटी है।

    भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन

    देवभूमि उत्तराखंड को उन्होंने भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन बताया और कहा कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर, आदि कैलास जैसे अनगिनत तीर्थ हमारी आस्था के प्रतीक हैं। इनकी यात्रा भक्ति का मार्ग खोलती है। साथ ही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरती है।

    कनेक्टिविटी का विकास से गहरा नाता

    प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी का राज्य के विकास से गहरा नाता है। यहां दो लाख करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। राज्य के विकास को ये नई गति दे रही हैं।

    यूसीसी अन्य राज्यों के लिए मिसाल

    उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विकास यात्रा में कई रुकावटें आई हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने हर बार इन्हें पार किया। साथ ही सुनिश्चित किया कि विकास की गति पर ब्रेक न लगे। राज्य की धामी सरकार ने जिस गंभीरता से समान नागरिक संहिता लागू की, वह अन्य राज्यों के लिए मिसाल है। मतांतरण विरोधी व दंगा नियंत्रण कानून जैसे राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर सरकार ने साहसिक नीति अपनाई। जमीन कब्जाने व डेमोग्राफी में बदलाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार ठोस कार्यवाही कर रही है।

    अभी से तय करने होंगे लक्ष्य

    प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सवाल यह है कि अगले 25 वर्ष में हम उत्तराखंड को किस ऊंचाई पर देखना चाहेंगे। इसलिए जब हमें पता होगा कि हमारा लक्ष्य क्या है तो वहां पहुंचने का रोडमैप तेजी से बनेगा। इस क्रम में उन्होंने अध्यात्म, जड़ी-बूटी व आयुर्वेदिक औषधि, योग-आयुर्वेद, वाइब्रेंट विलेज, बारामासी पर्यटन, स्थानीय उत्पाद, पर्व-त्योहार व मेले, फलोत्पादन, वेलनेस टूरिज्म समेत विभिन्न विषयों पर काम करने का रोडमैप रखा। उन्होंने कहा कि राज्य को ऊंचाई तक ले जाने के लिए अभी से लक्ष्य तय करना चाहिए। रास्ता चुन लेना चाहिए और इंतजार किए बिना चल पडऩा चाहिए। केंद्र सरकार हर कदम पर उत्तराखंड को सहयोग देने को तत्पर है।

    पीएम ने रखा अगले 25 वर्ष का रोड मैप

    • प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बने योग व आयुर्वेद केंद्र, नेचुरोपैथी संस्थान, होम स्टे समेत कंप्लीट पैकेज।
    • हर वाइब्रेंट विलेज बने पर्यटन का छोटा एक केंद्र। होम स्टे, स्थानीय खान-पान व संस्कृति को मिले बढ़ावा।
    • स्थानीय मेलों व पर्वों को विश्व मानचित्र पर लाने को एक जिला-एक मेला जैसा कोई अभियान चले।
    • पर्वतीय जिलों में बनें हार्टिकल्चर सेंटर, ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल व मेडिसिनल प्लांट हैं भविष्य की खेती।
    • खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद के दृष्टिगत एमएसएमई को नए सिरे से सशक्त करने की जरूरत।
    • बारामासी पर्यटन उत्तराखंड का वो सामर्थ्य है, जो उसे विकास की निरंतर ऊंचाई पर ले जाएगा।
    • ईको टूरिज्म व एडवेंचर टूरिज्म में अपार संभावनाएं, नौजवानों के लिए ये बन सकता है आकर्षण का केंद्र।
    • वेड इन इंडिया के लिए उत्तराखंड को अपने यहां उसी आलीशान स्तर की सुविधाएं करनी होंगी विकसित।
    • हाउस आफ हिमालयाज की ब्रांडिंग के मोर्चे पर नई ऊर्जा से जुटें, डिलीवरी मैकेनिज्म पर भी करना होगा काम।

    योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

    • 8260 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास।
    • उत्तराखंड पर विशेष डाक टिकट व आवरण किया जारी।
    • राज्य की विकास यात्रा पर काफी टेबल बुक का विमोचन।
    • मौसम आधारित फसल बीमा योजना के 28344 किसानों को 63 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित
    • नैनी सैनी हवाई पट्टी के अधिग्रहण को एयरपोर्ट अथारिटी के साथ करार पर हस्ताक्षर।

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